Amarnath Yatra 2023 New Facilities: बाबा बर्फानी की पवित्र अमरनाथ यात्रा 30 जून से शुरू होने जा रही है. उससे पहले ही जम्मू कश्मीर सरकार ने यात्रियों को एक बड़ी सौगात दी है. असल में जम्मू कश्मीर सरकार और श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की ओर से जम्मू- श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मजीन इलाके में यात्री निवास (Amarnath Yatri Niwas) और आपदा प्रबंधन केंद्र बनाया जा रहा है. इसकी नींव का पत्थर मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रखा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यात्री निवास में होंगी ये सुविधाएं


रिपोर्ट के मुताबिक यह यात्री निवास (Amarnath Yatri Niwas) 1.87 एकड़ एरिया में फैला होगा. इस यात्री निवास में 54 कमरे, 18 डॉरमेटरी और एक मल्टी लेवल कार पार्किंग होगी. इसके साथ ही एक आपदा प्रबंधन केंद्र बनाया जाएगा. अमरनाथ यात्रा में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार की ओर से कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं. ऐसे में यात्री निवास बन जाने पर वह यात्रियों को बड़ी सहूलियत प्रदान करेगा. 


यात्रा ट्रैक को चौड़ा करने का काम तेज


वहीं करीब 13 हजार फीट की ऊंचाई पर कठिन अमरनाथ यात्रा मार्गों से बर्फ हटाने और ट्रैक को चौड़ा करने का काम लगातार जारी है. इस काम को अंजाम दे रहे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के अधिकारियों का कहना है कि यात्रा शुरू होने से 15 दिन पहले यानी 15 जून तक यात्रा मार्ग को खोल दिया जाएगा. अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2023) के लिए पहलगाम और बालटाल 2 रूट हैं, जिनका रख-रखाव BRO ही करता है. 


BRO युद्ध स्तर पर चला रही अभियान 


इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार का लोक निर्माण विभाग गांदरबल जिले में बालटाल मार्ग का रखरखाव कर रहा था. वहीं पहलगाम डेवलपमेंट अथारिटी (PDA) अनंतनाग जिले में पहलगाम मार्ग का रखरखाव कर रहा था. पिछले साल सितंबर में अमरनाथ यात्रा के ये दोनों ट्रैक रखरखाव और अपग्रेडेशन के लिए बीआरओ को सौंपे गए थे.


यात्रा ट्रैक से हटाई जा रही बर्फ
 
पहलगाम में चंदनवाड़ी से पवित्र गुफा तक 20 किमी और बालटाल से गुफा तक 14 किमी के ट्रैक भारी बर्फ से ढके हुए हैं, जिसे बीआरओ की ओर से युद्धस्तर पर साफ किया जा रहा है. संगठन की ओर से दोनों ट्रैक को साफ करने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही यात्रा मार्ग (Amarnath Yatra 2023) पर कंक्रीट ट्रैक और सीढ़ियां बनाई जा रही हैं.