Onion Price Hike: प्याज की बढ़ती कीमतों से राहत मिलने वाली है. सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए अगले साल मार्च तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है ताकि कीमतें नियंत्रण से बाहर न हो. असल में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीटीएफ) ने एक अधिसूचना में कहा कि प्याज के लिए निर्यात नीति को 31 मार्च 2024 तक प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि, डीजीएफटी ने कहा कि अन्य देशों को उनके अनुरोध के आधार पर सरकार द्वारा दी गई अनुमति के तहत प्याज के निर्यात की अनुमति दी जाएगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जानें क्या है सरकार का प्लान?


दरअसल, प्याज के शिपमेंट, जिनकी लोडिंग इस अधिसूचना से पहले शुरू हो गई थी, को निर्यात करने की अनुमति है. इसके अलावा ऐसे मामलों में जहां शिपिंग बिल दाखिल किया गया है और जहाजों ने प्याज की लोडिंग के लिए पहले से ही भारतीय बंदरगाहों पर रखा है. इस अधिसूचना से पहले उनकी रोटेशन संख्या आवंटित की गई है कि निर्यात के लिए शिपमेंट की भी अनुमति है. सरकार ने पहले बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के प्रयास में निर्यात को हतोत्साहित करने के लिए 31 दिसंबर 2023 तक 800 डॉलर प्रति मीट्रिक टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया था.


लोगों के मन में सवाल
हाल के दिनों में यह देखा गया कि प्याज के दाम एक बार फिर बढ़ने लगे हैं, ऐसे में लोगों के मन में सवाल आ रहा है कि क्या कारण हैं. एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुदरा बाजार में प्याज 30-40 रुपए किलोग्राम बिक रहा था, जो अब बढ़कर 60-70 रुपए हो गया है. जानकारों का कहना है कि जमाखोरी की वजह से प्याज की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. वहीं पैसों में उछाल की वजह प्याज के स्टॉक को लोग जमा कर रहे हैं. इससे प्याज कमी पैदा हो रही है और कीमतों में इजाफा हो रहा है.


बढ़ती कीमत से कैसे मिलेगी राहत?


यह भी कहा गया था कि अगर इसे कंट्रोल करने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले दिनों में प्याज की कीमत और बढ़ सकती है. फिलहाल अब सरकार ने यह फैसला लिया है. इससे पहले केंद्र सरकार ने 25 अगस्त को प्याज के निर्यात पर 40% का शुल्क लगाया था जब खरीफ फसल की देरी और कम बुआई के कारण कीमतें बढ़ने लगीं. सरकार ने कीमतों को दबाने के लिए नेफेड द्वारा खरीदे गए प्याज को थोक बाजारों में मौजूदा बाजार दरों से कम पर बेचना भी शुरू कर दिया था.