आजादी के जश्न के बीच भारत के इस राज्य से आई डराने वाली खबर.. बड़ी साजिश में लगे आतंकी!
Assam: असम पुलिस ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी के दो स्थानों सहित कम से कम आठ स्थानों से ‘बम जैसी सामग्री’ बरामद की है. अधिकारियों ने इसकी पुष्टि भी की है.
Assam: असम पुलिस ने बृहस्पतिवार को गुवाहाटी के दो स्थानों सहित कम से कम आठ स्थानों से ‘बम जैसी सामग्री’ बरामद की है. अधिकारियों ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) की ओर से स्वतंत्रता दिवस पर असम में 24 स्थानों पर सिलसिलेवार बम विस्फोट का दावा करने के बाद ही पुलिस की कई टीम बम की खोजबीन में जुट गई थीं. ‘यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट’ (उल्फा-आई) की ओर से भेजे गए एक ईमेल में उग्रवादी संगठन ने दावा किया कि बम ‘तकनीकी विफलता’ के कारण नहीं फटे.
उल्फा ने कहा कि विस्फोट बृहस्पतिवार सुबह छह बजे से दोपहर के बीच होने वाले थे, लेकिन निष्पादन में विफलता के बाद उसने विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय करने के लिए जनता से सहयोग मांगा. प्रतिबंधित संगठन ने तस्वीरों के साथ 19 बमों के सटीक स्थानों की पहचान करने वाली एक सूची जारी की, लेकिन शेष पांच स्थानों को इंगित नहीं कर सका.
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा द्वारा 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भाषण पूरा करने के कुछ मिनट बाद भेजे गये ईमेल के पश्चात सुरक्षा बलों को उल्फा (आई) द्वारा उल्लिखित सभी स्थानों पर विस्फोटकों की तलाश के लिए बम निरोधक दस्ते के साथ-साथ कई टीम रवाना करना पड़ा. इसके अलावा सेना सहित अन्य केंद्रीय सुरक्षा बलों की टीम की भी सहायता ली गई.
पूरे घटनाक्रम ने खुफिया इकाई की क्षमता पर एक बड़ा सवालिया निशान लगा दिया है, क्योंकि पुलिस को बम लगाये जाने की घटना के बारे में तब तक कोई सुराग नहीं मिला था जब तक कि उल्फा (आई) ने खुद इसके बारे में सूचित नहीं किया, जबकि स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर पूरा राज्य हाई अलर्ट पर था.
जैसे ही यह खबर सामने आई इसने 2008 के सिलसिलेवार बम विस्फोटों की याद ताजा कर दी. एनडीएफबी के रंजन दैमारी गुट ने 30 अक्टूबर, 2008 को पूरे असम में सिलसिलेवार बम विस्फोट किए थे, जिसमें 88 लोगों की जान चली गई थी और 500 से अधिक लोग घायल हो गए थे.
पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘असम पुलिस ने विस्फोटक उपकरणों की तलाश में आज पूरे राज्य में व्यापक तलाशी ली. गुवाहाटी में दो स्थानों पर संदिग्ध वस्तुएं मिलीं, जिन्हें पुलिस के बम निरोधक दस्ते ने खोला.’’ उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं के अंदर कोई विस्फोटक उपकरण नहीं था, हालांकि कुछ सर्किट और बैटरियां देखी गईं. उन्होंने कहा कि अंदर की सामग्री को फोरेंसिक और रासायनिक जांच के लिए भेजा गया है.
सिंह ने कहा, ‘‘लखीमपुर, शिवसागर, नलबाड़ी और नागांव में भी इसी तरह की सामग्री पाई गई, जिनका सुरक्षित निपटान कर दिया गया है. इस संबंध में उचित कानूनी जांच शुरू कर दी गई है.’’ इन 24 स्थानों में से आठ गुवाहाटी में हैं. इनमें दिसपुर में असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा समेत अन्य मंत्रियों के आधिकारिक आवास के पास ‘लास्ट गेट’ पर एक खुला मैदान शामिल है.
दूसरी जगह गुवाहाटी में नारेंगी सैन्य छावनी की ओर जाने वाला सतगांव मार्ग है. इसके अलावा राजधानी शहर में गांधी मंडप के पास आश्रम रोड, पानबाजार, जोराबाट, भेटापारा, मालीगांव और राजगढ़ में भी बम लगाने का दावा किया गया है. शिवसागर, डिब्रूगढ़, लखीमपुर, नागांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, तिनसुकिया और गोलाघाट जिलों के उन स्थानों के भी नाम बताए गए हैं जहां उल्फा (आई) ने बम लगाने का दावा किया है.
पुलिस ने ईमेल में उल्लिखित स्थानों और उसके आसपास की सभी सड़कों को बंद कर दिया है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सभी स्थानों पर पहुंच गए हैं और खोजबीन अभियान की निगरानी कर रहे हैं. संपर्क करने पर असम पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जिलों के सभी एसपी, विशेष रूप से उल्फा के शांति वार्ता विरोधी गुट की सूची में उल्लिखित जिलों को सतर्क कर दिया गया है और क्षेत्रों की गहन तलाशी करने के लिए कहा गया है.
उन्होंने कहा, ‘‘बम निरोधक दस्ते, ‘मेटल डिटेक्टर’ और खोजी कुत्तों को हर स्थान पर भेजा गया है. अब तक हमें लगभग आठ बैग और बक्सों की बरामदगी की जानकारी मिली है, जिनमें बम जैसी सामग्री है, लेकिन उनमें से किसी में भी विस्फोट में सहायक कोई उपकरण नहीं था.’’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने अब तक गुवाहाटी, शिवसागर और लखीमपुर से दो-दो पैकेट बरामद किए हैं, जबकि नागांव और नलबाड़ी में एक-एक पैकेट मिला है. राज्य की राजधानी में गांधी मंडप और पानबाजार के पास आश्रम रोड पर बरामदगी के बाद, गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंता बराह ने कहा कि दो पैकेटों में बम सर्किट और कुछ विस्फोटक जैसी सामग्री थी.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘कोई विस्फोट करने वाला तंत्र मौजूद नहीं था. हमने विस्फोटकों की प्रकृति का पता लगाने के लिए सामग्री को फोरेंसिक विभाग को भेज दिया है. शेष छह स्थानों पर कुछ भी नहीं मिला.’’ उल्फा (आई) ने 19 बमों के सटीक स्थानों का उल्लेख किया था, लेकिन वह तिनसुकिया और गोलाघाट में दो-दो स्थानों और डिब्रूगढ़ में एक स्थान को इंगित नहीं कर सका.
(एजेंसी इनपुट के साथ)