Amit Shah Arunachal Pradesh Visit:  अरुणालच प्रदेश से गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अतिक्रमणकारी चीन को करारा जवाब दिया.  उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत की सुई की नोक के बराबर ज़मीन पर अतिक्रमण नहीं किया जा सकता है. बता दें चीन ने गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश के दौरे का विरोध किया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गृहमंत्री ने कहा, ‘अब कोई भी हमारी सीमा में आंख उठाकर देख नहीं सकता ओर आज हम गर्व के साथ कहते है वो जमाने चले गए जब कोई भारत की सीमा पर अतिक्रमण कर सकता था. अब कोई भी सुई की नोक जितनी जमीन का अतिक्रमण नहीं कर सकता क्योंकि आईटीबीपी और सेना के जवाब यहां पर उपस्थित है.’


 'सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है' 
अमित शाह ने कहा, ‘मोदी सरकार 'सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है' के मंत्र पर चलती है... पिछली सरकारों के 12 कार्यकाल में बॉर्डर पर जितना विकास नहीं हुआ उतना मोदी जी ने अपने दो कार्यकाल में ही कर के दिखाया है.‘


गृहमंत्री ने कहा, ‘ कुछ साल पहले तक सीमा से लगे इलाकों से पलायन सरकार के लिए चिंता का विषय था. लेकिन मोदी जी के नेतृत्व में आज सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास हो रहा है, जिससे पलायन धीमा हो रहा है और सीमाएं मजबूत हो रही हैं.’ उन्होंने कहा, ‘पहले सीमावर्ती क्षेत्र में आने वाले लोग कहा करते थे कि भारत के अंतिम गांव से आया हूँ, लेकिन मोदी जी ने इस नैरेटिव को बदला है. अब लोग यहाँ से जाने के बाद कहते है कि मैं भारत के सबसे पहले गाँव से आया हूं.’


'अरुणाचल में सब जय हिंद बोलते हैं'
गृहमंत्री ने कहा, ‘अरुणाचल में कोई भी नमस्ते नहीं करता, सब जय हिन्द बोल कर एक दूसरे का अभिवादन करते हैं. यह देख कर हृदय देशभक्ति से भर जाता है. अरुणाचलवासियों के इसी जज्बे के कारण 1962 की लड़ाई में जो अतिक्रमण करने आया था उसे वापस जाना पड़ा था.’ उन्होंने कहा, ‘भारत में सूर्य की पहली किरण जिस धरती पर पड़ती है उसका नाम अरुणाचल प्रदेश भगवान परशुराम जी ने रखा था. तब से इस धरती को उगते सूर्य के प्रदेश के नाम से जाना जाता है. यह भारत माता के मुकुट की एक तेजस्वी और दैदीप्यमान मणि है.’


गृहमंत्री के दौरे से चीन बौखलाया
गृहमंत्री अमित शाह के अरुणाचल दौरे से चीन तिलमिला गया है. बीजिंग में एक प्रेस वार्ता के दौरान, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने अमित शाह के दौरे के बारे में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘जंगनन, (अरुणाचल प्रदेश के लिए चीनी नाम) चीन का क्षेत्र है.’ उन्होंने कहा, ‘इस क्षेत्र में भारतीय अधिकारियों की गतिविधियों से चीन की संप्रभुता का उल्लंघन होता है और यह सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति के लिए अनुकूल नहीं हैं. हम इसका दृढ़ता से विरोध करते हैं.’


भारत ने पिछले सप्ताह चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों का नाम बदलने के कदम को सिरे से खारिज कर दिया था. पिछले सप्ताह, भारत ने कुछ स्थानों का चीन द्वारा पुन: नामकरण करने को सिरे से खारिज करते हुए दोहराया था कि यह राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है और ‘मनगढ़ंत’ नाम रखने से जमीनी हकीकत बदल नहीं जाएगी.


(इनपुट- एजेंसी)


हिंदी ख़बरों के लिए भारत की पहली पसंद ZeeHindi.comसबसे पहलेसबसे आगे