Delhi News: खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह कि एक के बाद एक परतें खुलती जा रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है कि अमृतपाल सिंह के विदेश में बैठे आतंकियों से करीबी रिश्ते हैं. जांच एजेंसी अब और सतर्क हो गई है. अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक आतंकी अवतार सिंह खंडा का करीबी बताया जाता है. इन्हीं में से एक नाम परमजीत सिंह पम्मा का भी है. पम्मा से भी अमृतपाल के काफी अच्छे संबंध है और अमृतपाल, पम्मा से लंबे समय से जुड़ा हुआ है. पम्मा प्रतिबंधित संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़ा हुआ है. वह खालिस्तान टाइगर फोर्स का भी सदस्य हैं. एनआईए की मोस्ट वांटेड लिस्ट में पम्मा का नाम है. परमजीत सिंह पम्मा, अमृतपाल सिंह से लगातार संपर्क में था और उसकी हर संभव मदद करता था. सुरक्षा एजेंसियों के हाथ कई सबूत भी लगे हैं, जिससे साफ है कि पम्मा अमृतपाल सिंह का सहयोग करता था.


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परमजीत सिंह पम्मा पंजाब के साहिबजादा अजीत सिंह नगर जिले का रहने वाला है. 1992 तक छोटे-मोटे अपराधों में संलिप्त रहता था और 1994 में पम्मा ने भारत छोड़ दिया था. वह भारत छोड़कर पाकिस्तान में बस गया था, जहां पर उसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लिए फंड जुटाना शुरू किया था. भारत में ये प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल है. पम्मा शुरू से बब्बर खालसा के चीफ वाधवा सिंह का काफी करीबी था. बाद में पम्मा ने खालिस्तान टाइगर फोर्स जॉइन कर लिया था. इसके बाद पम्मा संगठन के प्रमुख जगतार सिंह तारा का खास बन गया था और फिर पम्मा ने थाईलैंड में संगठन की आतंकी गतिविधियों का प्रभार ले लिया. साउथ ईस्ट एशिया में पंजाब से आने वाले आतंकियों को इन्फ्राट्रक्चर और अन्य मदद मुहैया करानी शुरू कर दी.


अंबाला बम विस्फोटों में पम्मा का था हाथ
पंजाब में पटियाला और अंबाला बम विस्फोटों में पम्मा का भी हाथ था. 2019 में राष्ट्रीय सिख संगत के प्रमुख रुल्दा सिंह की हत्या में भी पम्मा शामिल था. पम्मा के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ था, जिसके चलते 18 दिसंबर 2015 में पुर्तगाल की पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था, तब भारत सरकार ने पम्मा के प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिसे पुर्तगाल ने मानने से इनकार कर दिया था. अब सुरक्षा एजेंसी ये तलाश कर रही है कि अमृतपाल सिंह और पम्मा के बीच कैसे संबंध थे और इन दोनों के बीच क्या वार्तालाप होती थी. पम्मा, अमृतपाल सिंह की क्या-क्या मदद करता था और उस तक मदद कैसे पहुंचाता था. बताया जा रहा है कि अमृतपाल दुबई में ड्राइवर था. वह अपने चाचा के ट्रांसपोर्ट बिजनेस में काम करता था, तभी उसकी आईएसआई से नजदीकियां बढ़ गई.


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