Andhra Pradesh CM N Chandrababu Naidu News: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगुदेशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को दक्षिणी राज्यों में परिवारों से अधिक बच्चे पैदा करने का आग्रह किया. उन्होंने इसके लिए उम्रदराज लोगों की बढ़ती आबादी के जोखिम का हवाला भी दिया. नायडू ने राज्य में उम्रदराज लोगों की बढ़ती आबादी को देखते हुए युवा लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह दी.


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आंध्र प्रदेश में जनसंख्या प्रबंधन की कोशिशों में जुटे सीएम नायडू


चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि राज्य सरकार अपने "जनसंख्या प्रबंधन" प्रयासों के हिस्से के रूप में बड़े परिवारों को प्रोत्साहित करने के मकसद से नए कानून पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार एक ऐसा कानून लाने के बारे में सोच रही है जो केवल दो से अधिक बच्चों के साथ स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने के लिए पात्र होगा." उन्होंने कहा कि परिवारों को बढ़ावा देकर डेमोग्राफिक असंतुलन की समस्या से निपटा जा सकता है.


अधिक बच्चों वाले परिवारों को लाभ पहुंचाने की तैयारी में सरकार


यह स्वीकार करते हुए कि राज्य ने पहले एक कानून लागू किया था, जो दो से अधिक बच्चों वाले परिवार को स्थानीय चुनावों में लड़ने वाले व्यक्तियों पर लागू होता था. तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख ने कहा कि उस कानून को निरस्त कर दिया गया है. उन्होंने कहा, "हम अब इसे उलटने पर विचार कर रहे हैं ... सरकार अधिक बच्चों वाले परिवारों को अधिक लाभ प्रदान कर सकती है."


देश के दक्षिणी राज्यों में फर्टिलिटी दर में गिरावट की ओर इशारा


जनसांख्यिकीय चुनौतियों पर जोर डालते हुए, नायडू ने दक्षिणी राज्यों में फर्टिलिटी दर में गिरावट की ओर इशारा किया. यह दर 2.1 के राष्ट्रीय औसत से नीचे 1.6 तक गिर गया है. नायडू ने चेतावनी दी, "हालांकि हमें 2047 तक एक जनसांख्यिकीय लाभ है, लेकिन उम्रदराज लोगों की बढ़ती आबादी के संकेत पहले से ही आंध्र प्रदेश सहित दक्षिणी भारत के दूसरे राज्यों में दिखाई दे रहे हैं." दक्षिण भारत में यह समस्या इसलिए भी विकराल हो रही है क्योंकि युवा लोग देश के दूसरे हिस्सों में या फिर विदेश चले जाते हैं.


बुजुर्ग आबादी के बोझ से जूझ रहे जापान, चीन और यूरोप के देश


उन्होंने कहा कि जापान, चीन और यूरोप के कुछ हिस्सों जैसे देश पहले से ही एक बड़ी बुजुर्ग आबादी के बोझ से जूझ रहे हैं. अगर जन्म दर में गिरावट जारी रहती है तो एक ऐसी खतरनाक स्थिति भारत को भी प्रभावित कर सकती है. उन्होंने कहा, "आंध्र और देश के अन्य हिस्सों में कई गांवों में, केवल बुजुर्ग लोग ही बने हुए हैं. युवा आबादी शहरों में चली गई है." नायडू ने जनसंख्या नियंत्रण पर अपने पहले के प्रयासों के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि तब हालात कुछ और थे.


चंद्रबाबू नायडू ने साल 2018 में भी किया था इसी तरह का अनुरोध


यह पहली बार नहीं है जब एन चंद्रबाबू नायडू ने परिवार नियोजन नीतियों में बदलाव के लिए आह्वान किया है. आंध्र के सीएम के रूप में अपने पिछले कार्यकाल के दौरान भी उन्होंने दो से अधिक बच्चों को रखने के इच्छुक जोड़ों को प्रोत्साहन दिया था. तब उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि वे 21 वीं सदी के मध्य तक अधिक बुजुर्ग नागरिकों और कम कामकाजी हाथों के साथ राज्य "सेनील" बन सकता है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में आम जनजीवन और विकास पर बुरा असर पड़ सकता है. 


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तेलंगाना गठन के बाद आंध्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तनों की चुनौती


2011 की जनगणना में आंध्र प्रदेश 84.6 मिलियन निवासियों के साथ देश में 10 वें सबसे अधिक आबादी वाले राज्य के रूप में दर्ज था. साल 2014 में तेलंगाना को एक अलग राज्य के रूप में उभरने के बाद से आंध्र प्रदेश जनसांख्यिकीय परिवर्तनों का सामना कर रहा है. नायडू ने कहा था कि तेजी से बढ़ती बुजुर्गों की आबादी के चलते प्राकृतिक संसाधनों पर अलग तरह का बोझ बढ़ रहा है. 


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