जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में ‘कुर्सी’ को लेकर कांग्रेसियों की जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. अब कुछ विधायकों ने खुलकर मंत्रिमंडल विस्तार पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उदयपुर के खेरवाड़ा से विधायक दयाराम परमार (MLA Dayaram Parmar) ने तो बाकायदा पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से पूछा है कि मंत्री बनने के लिए विशेष काबिलियत क्या होती है? कृपया बताने का कष्ट करें. बता दें कि राजस्थान में रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार के तहत 15 नए मंत्रियों ने शपथ ले ली है. इसमें जहां कुछ नए चेहरे शामिल किए गए हैं, वहीं पुराने लोगों को भी प्रमोट किया गया है.


MLA मीणा ने भी जताई नाराजगी 


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कांग्रेस विधायक दयाराम परमार (MLA Dayaram Parmar) ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को लिखे अपने पत्र में कहा है, ‘मंत्रिमंडल गठन के बाद ऐसा लगता है कि मंत्री बनने के लिए कोई विशेष योग्यता की आवश्यकता होती है. कृपया हमें बताने की कृपा करें कि विशेष काबिलियत क्या है? ताकि उसको हासिल करके भविष्य में मंत्री बनने की कोशिश की जा सके’. परमार से पहले कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा भी अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. 


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‘खराब लोगों को प्रमोट कर दिया’


जौहरी लाल मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे जिले (अलवर) में, यह सबको पता है कि टीकाराम जूली एक भ्रष्ट व्यक्ति हैं. उनका परिवार वसूली में शामिल है. मैंने पार्टी नेतृत्व से उन्हें हटाने के लिए कहा, लेकिन उन्हें मंत्री बना दिया गया. मैं इसके खिलाफ हूं. इसी तरह, राजस्थान कैबिनेट फेरबदल से विधायक शफिया जुबैर भी नाराज हैं. उन्होंने कहा कि कैबिनेट का ढांचा और बेहतर हो सकता था, लेकिन खराब प्रतिष्ठा वाले लोगों को प्रमोट किया गया. MLA ने आगे कहा कि कुल मिलाकर कैबिनेट अच्छा संदेश नहीं दे रही है. कैबिनेट में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण नहीं मिला है. 


CM की बढ़ सकती है परेशानी 


गौरतलब है कि रविवार को आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने 15 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई, इनमें से 11 विधायकों ने कैबिनेट और चार विधायकों ने राज्यमंत्री पद की शपथ ली. मंत्रिमंडल में सीएम अशोक गहलोत ने ब्राह्मण, जाट, SC, गुर्जर को जगह देकर जातिगत समीकरण साधने की कोशिश की है. हालांकि, ये बात अलग है कि पार्टी के अंदर ही मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर विवाद शुरू हो गया है.