नई दिल्ली: गैंगस्टर अंकित गुज्जर (Ankit Gujjar) की तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में हत्या मामले में जेल अधिकारी पर एफआईआर दर्ज हुई और 4 जेल अधिकारी सस्पेंड भी हुए. लेकिन सवाल ये है कि हत्या के आरोपी जेल अधिकारी कब गिरफ्तार होंगे? इस मामले में अब नया खुलासा हुआ है. 3 अगस्त को जेल से रिहा हुए कैदी विकास ने ज़ी मीडिया के सामने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. बता दें कि 4 अगस्त को सुबह 9 बजे अंकित गुज्जर की हत्या की खबर आई थी. 


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विकास साल 2014 से तिहाड़ जेल में बंद था और तिहाड़ जेल प्रशासन ने विकास को सेवादार बनाया हुआ था. कैदियों के बीच से ही जेल प्रशासन एक को सेवादार बनाता है जिसका काम होता है कैदियों को मैनेज करना और जेल प्रशासन की मदद करना. तिहाड़ जेल का कैदी और बतौर जेल का सेवादार का काम कर चुके विकास ने अंकित गुर्जर मामले में कई खुलासे किए हैं. 


कैदी ने बताई आंखों देखी घटना


विकास ने ज़ी मीडिया से बातचीत में बताया कि वो साल 2014 से जेल नंबर 3 में बंद था. उसने कहा, 'शाम को सवा 5 बजे जेल डिप्टी सुपरिटेंडेंट का फोन आया कि 15 अगस्त को लेकर अलार्म चेक करना है. मैंने अलार्म बजाया. उसके बाद डिप्टी सुपरिटेंडेंट नरेंद्र मीणा 70-80 जवानों के साथ आया और जेल में सर्चिंग करने लगा. फिर अंकित गुज्जर की चक्की में भी गया. जहां से उसको अंकित के पास से मोबाइल और डाटा केबल बरामद हो गई. इसी दौरान नरेंद्र मीणा अपने साथ अंकित गुज्जर को साइड में ले जाकर बात करने लगा. तभी नरेंद्र मीणा ने अंकित गुज्जर को थप्पड़ मार दिया, इसके बाद अंकित गुज्जर ने भी नरेंद्र मीणा को थप्पड़ मारा. फिर नरेंद्र मीणा ने जेल के सीसीटीवी बंद करवाए और अपने साथ 30-35 स्टाफ बुला लिया. उसने अपने स्टाफ से कहा कि अंकित गुज्जर को रिमांड रूम तक लेकर आओ. फिर उसके बाद अंकित को तब तक मारा जब तक वो बेहोश नहीं हो गया. बेहोश होने के बाद उसे हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहा गया. उसे जेल के हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां से उसे DDU हॉस्पिटल रेफर करने को कहा गया लेकिन हॉस्पिटल रेफर नहीं किया गया बल्कि जेल में डाल दिया गया.' उसने आगे कहा कि अगले दिन सुबह टीवी पर न्यूज देखकर पता चला कि अंकित गुज्जर की हत्या हो गई है.'