नई दिल्ली: ऐतिहासिक भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के तकरीबन सात साल बाद सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने केन्द्र में लोकपाल नियुक्त करने की अपनी मांग को लेकर शुक्रवार (23 मार्च) से अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू की. वह रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं जहां वह 2011 में भी बैठे थे. बहरहाल, उम्मीद की जा रही है कि इस बार उनके हमले के केन्द्र में मोदी सरकार होगी. हजारे कृषि पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के अलावा केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग पर जोर दे रहे हैं. अनशन पर बैठने से पहले अन्ना राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को नमन किया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के दौरान अन्ना के साथ उनके कई समर्थन मौजूद थे.


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अन्ना ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि उनके समर्थक दिल्ली कूच ना कर सके इसलिए प्रशासन ने ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. अन्ना ने कहा कि ट्रेनों को रद्द करके सरकार ने किसानों को हिंसा करने के लिए मजबूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि आंदोलन पर बैठने से पहले मैंने कई खत लिखकर कहा कि मुझे किसी तरह के पुलिस प्रोटेक्शन की आवश्यता नहीं है. अन्ना ने कहा कि सरकार का ऐसा रवैया उन्हें समझ नहीं आ रहा है..


अनशन पर बैठने से पहले बापू को दी श्रद्धांजलि
अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे राजघाट पहुंचे और राष्ट्रपिता माहत्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. अन्ना ने हाथों में फूल लेकर बापू को नमन किया. इस दौरान उनके साथ कई समर्थक मौजूद थे. 


 



 


वर्ष 2011 में भ्रष्टाचार की जांच के लिए लोकपाल के गठन की मांग को लेकर वह इसी मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे थे. इस बार संभावित तौर पर वह नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा सरकार पर निशाना साधेंगे. हजारे ने कहा कि उन्होंने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जहां उन्होंने 2011 में भ्रष्टाचार के विरोध में भूख हड़ताल की थी. उनहोंने कहा कि प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन 2011 से भी बड़ा होगा.  हजारे ने कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे. उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है.


अन्ना हजारे को विरोध प्रदर्शन की अनुमति मिली
दिल्ली पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को यहां के रामलीला मैदान में शुक्रवार (23 मार्च) से विरोध प्रदर्शन की अनुमति दे दी है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने सभी सुरक्षा पहलुओं की जांच करने और पर्याप्त व्यवस्था करने के बाद यह अनुमति दी है." हजारे और उनके समर्थक महाराष्ट्र सदन से सबसे पहले राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे. वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीदी पार्क भी जाएंगे और फिर रामलीला मैदान के लिए रवाना होंगे, जहां 2011 में उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और अनशन किया था. 


 



 


अन्ना हजारे ने किया था 23 मार्च से जेल में सत्याग्रह का एलान
इससे पहले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने बीते 16 मार्च को कहा था कि उन्होंने 23 मार्च से दिल्ली की जेल में सत्याग्रह करने का एलान किया है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अब तक इसकी अनुमति नहीं दी. हजारे ने कहा था कि उन्होंने चार महीने पहले ही इस बावत अनुमति मांगी थी. हजारे ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा था, "मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं. लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है."


सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने कहा था, "अगर सरकार मुझे अनुमति नहीं देती है और विरोध जताने की जगह प्रदान नहीं करती है तो भी मैं जेल में सत्याग्रह करने को तैयार हूं. जेल मेरे लिए नई जगह नहीं है. इससे पहले 2011 में भी मैंने ऐसा ही किया था." हजारे ने कहा कि सरकार जानबूझकर बाधा उत्पन्न कर रही है, लेकिन इससे प्रदर्शन नहीं रुक पाएगा.


पीएम मोदी पर साधा था निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर जवाब नहीं मिलने पर किए गए सवाल पर हजारे ने कहा, "या तो उनको समय नही हैं क्योंकि उनके पास बहुत काम हैं और वह विदेशी दौरे में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं या उन्हें अहंकार है." हजारे ने कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे. उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है. 


हजारे की जनसभा से यातायात प्रभावित रहेगा
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे 23 मार्च को रामलीला मैदान में एक जनसभा को संबोधित करेंगे, जिस वजह से यातायात प्रभावित रहेगा. दिल्ली यातायात पुलिस ने परामर्श जारी कर लोगों को अरुणा आसफ अली रोड, दिल्ली गेट, दरियागंज, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन, अजमेरी गेट, पहाड़गंज, आईटीओ, राजघाट, मिंटो रोड, विवेकानन्द मार्ग, जेएलएन मार्ग इत्यादि की ओर जाने से बचने को कहा है. हजारे पहले राजघाट जाएंगे. इसके बाद वह शहीदी पार्क तक जुलूस निकालेंगे और उसके बाद रामलीला मैदान जाएंगे.