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Water Bottles in Taj Mahal: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने मंगलवार को ताजमहल को लेकर एक बड़ा आदेश दिया है. अब कोई भी विजिटर और गाइड मुख्‍य मकबरे के अंदर पानी की बातलें नहीं ले जा सकता. एएसआई ने यह फैसला उस घटना के बाद किया है, जब  हिंदूवादी युवक पानी की बोतल में गंगाजल भरकर ले कर गए थे और ताजमहल के अंदर जाकर गंगाजल चढ़ा दिया. बार बार इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए अब पानी की बोतल को बैन कर दिया गया है. 

ताजमहल के किस इलाके में पानी की बोतल बैन
ताजमहल के चमेली फर्श से मुख्य गुंबद क्षेत्र में पानी की बोतलें ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. अखिल भारत हिंदू महासभा के दो सदस्यों को शनिवार को मकबरे पर गंगा जल चढ़ाने के लिए गिरफ्तार किया गया था, उनका दावा है कि यह स्मारक पहले शिव मंदिर था, जिसे मुगल बादशाह शाहजहां ने मकबरे में बदल दिया था.  इसके अलावा, सावन के तीसरे सोमवार को महासभा की महिला शाखा की जिला अध्यक्ष मीरा राठौर ने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर जलाभिषेक किया और भगवा ध्वज फहराया.


फैसले का लोगों ने किया विरोध
ताज के अंदर पानी पर प्रतिबंध लगाने के कदम की कुछ लोगों ने आलोचना की है. टाइम्‍स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक टूरिस्ट गाइड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष दीपक दान ने कहा: "गर्मी और उमस भरे मौसम में पर्यटक बिना पानी के ताजमहल में नहीं रह सकते. सतर्कता बरतने के बजाय अधिकारी पानी की बोतलों पर प्रतिबंध लगा रहे हैं.


पानी के बिना बच्‍चों और बुजुर्गोंं को परेशानी 
एसोसिएशन इस कदम का विरोध करता है." उन्होंने कहा, "पिछले तीन महीनों में मौसम की स्थिति के कारण पर्यटकों के बेहोश होने के कई मामले सामने आए हैं. पानी के बिना, आगंतुकों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी होगी. यह निर्णय विदेशी पर्यटकों के बीच भी खराब छवि पेश करेगा."


एएसआई क्‍या बोला?
एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने आश्वासन दिया कि आगंतुकों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा, "मुख्य मकबरे पर तैनात कर्मचारियों को छोटी पानी की बोतलें प्रदान की गई हैं." 

13 अगस्त को जलाभिषेक व दुग्धाभिषेक के मामले में होनी है सुनवाई 
हिंदुवादी का दावा है कि ताजमहल मकबरा नहीं, शिव मंदिर है. जिसका नाम तेजोमहालय है. इसलिए, लंबे समय से ताजमहल या तेजोमहालय का विवाद बना हुआ है. बीते दिनों कोर्ट में योगी यूथ ब्रिगेड की ओर से वाद दायर करके सावन माह में तेजोमहालय में जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की मांग की है. ताजमहल के सर्वे और कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति का प्रार्थना पत्र भी दिया था. जिसकी सुनवाई 13 अगस्त को सुनवाई होनी है.