नई दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) अपने बेबाक और उदारवादी विचारों के लिए जाने जाते हैं. कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद (Hijab Row) पर आरिफ मोहम्मद खान ने Zee News को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया.


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Zee News को दिए विशेष साक्षात्कार (Arif Mohammed Khan interview on Hijab in Zee News) में आरिफ मोहम्मद खान ने हिजाब पर चल रही बहस को फिजूल बताया. कहा कि हिजाब-बुर्के पर जोर देने से मुस्लिम लड़कियां पढ़ाई में और पिछड़ जाएंगी. उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी अपने फायदे के लिए जानबूझकर मुस्लिम बच्चों को पिछड़ेपन की राह पर धकेल रहे हैं. पेश है उनसे इंटरव्यू के प्रमुख अंश: 


सवाल: हिजाब विवाद पर आप क्या कहेंगे?
जवाब: हिजाब विवाद बेहद अजीब है. हर स्कूल का अपना अनुशासन होता है, जिसमें ड्रेस कोड भी शामिल है. अगर आपको ड्रेस कोड पसंद नहीं है तो संस्थान बदल दीजिए. जहां तक कुरान की बात है, उसमें 7 बार हिजाब का जिक्र आया है. लेकिन हिजाब का वेशभूषा के संदर्भ में नहीं है.


सवाल: दलील है कि हिजाब पर बंदिश अभी क्यों लगाई गई हैं?
जवाब: असल सवाल ये है कि क्या स्कूलों ने दाखिले के बाद ड्रेस कोड बदला? नहीं, वहां पर पहले से यह ड्रेस कोड लागू था, जिसे वहां दाखिला लेने वाले सभी स्टूडेंट्स ने कबूल किया. फिर अभी ये विवाद क्यों. जो लोग हिजाब पहनने को अपना अधिकार बता रहे हैं, उनकी दलील तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए. 


सवाल: हिजाब विवाद के पीछे कौन है?
जवाब: ये काम जांच एजेंसियों का है. वह पता लगाए कि यह आग किसने भड़काई है. इस्लाम की बात करें तो उसमें 5 बुनियादी चीजें बताई गई हैं, जिसमें बुर्का या हिजाब का कहीं जिक्र नहीं है. अगर स्कूलों में हिजाब पहनने को अपना अधिकार बता रही छात्राओं की बात मान लें तो नुकसान किसे होगा? हिजाब पहनकर क्या वे लड़कियां देश की रक्षा कर सकेंगी? ये एक साज़िश है, जिसके पीछे एक खास मकसद है.


छात्राओं को भड़काने की साजिश रचने वाली ऐसी संस्थाएं इससे पहले अंग्रेजी शिक्षा के खिलाफ थीं. उन्होंने मुस्लिम महिलाओं को घर में क़ैद करने की कोशिश की. आज बड़ी संख्या में मुस्लिम बच्चियां स्कूल जा रही हैं. ये विवाद मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ बहुत बड़ा षडयंत्र है. उन्हें एक बार शिक्षा से वंचित रखने की कोशिश की जा रही है. 


सवाल: हिजाब का समर्थन करने वाली लड़कियों से क्या कहेंगे?
जवाब: हिजाब का मतलब शालीनता की वेशभूषा है. हिजाब का मतलब पहचान छिपाना नहीं है. जिन जगहों पर अपने ड्रेस कोड लागू हैं, वहां पर आप हिजाब या ऐसी दूसरी चीजें पहनकर अपनी पहचान नहीं छिपा सकते. आज लड़कियों ने पढ़ाई के मामले में लड़कों को पीछे छोड़ दिया है. इसलिए उन्हें ऐसे ट्रैप से बचने की कोशिश करनी चाहिए. 


सवाल: अमेरिका से आप क्या कहेंगे?
जवाब: शायद उन्हें हालात ठीक से नहीं पता हैं. इसलिए उन्होंने भारत के बारे में ऐसा कमेंट कर दिया है. हम उन्हें सही जानकारी देंगे.


सवाल: भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की साज़िश का आरोप है?
जवाब: जो लोग इस तरह की वाहियात बात करते हैं, उन्हें न तो हिंदुत्व के बारे में कुछ पता है और न ही सेक्युलिरिज्म के बारे में. वे केवल पाकिस्तान और अरबी देशों की तारीफ करना जानते हैं. उन्हें तकलीफ इस बात की है कि विरोध के बावजूद देश में ट्रिपल तलाक खत्म हो गया है और मुस्लिम महिलाएं अब उनकी बेड़ियों से कुछ हद तक आजाद हो गई हैं. हमें ऐसे लोगों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. 


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सवाल: क्या 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' का वक्त आ गया है?
जवाब: UCC का मतलब सबको समान अधिकार और ज़िम्मेदारी है. UCC का मतलब किसी की आस्था में दखल देना नहीं है. जो लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करते हैं, वे लोगों को उनकी धार्मिक आस्था बदल देने का डर दिखाकर गुमराह करते हैं. हम सब बुनियादी तौर पर भारतीय हैं. इसलिए हमारे नागरिक अधिकार भी एक जैसे ही होने चाहिए. UCC का मतलब केवल उन नागरिक अधिकारों को एक समान करना है और कुछ नहीं. 


गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हम एक लोकतंत्रिक देश में रहते हैं. हमारी एक अपनी जीवन शैली है. आज सारी दुनिया हमारी इस जीवन शैली को अपना रही है. ऐसे में हमें हिजाब-बुर्का जैसे बेतुके विवाद को पीछे छोड़कर समझदारी के साथ आगे बढ़ना होगा.


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