नई दिल्ली: राष्‍ट्रपति की ओर से रविवार को पांच राज्‍यपालों की नियुक्ति और तबादले किए गए हैं. पूर्व पीएम राजीव गांधी की सरकार में मंत्री रहे दिग्गज नेता आरिफ मोहम्‍मद खान को केरल का नया राज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया है. केरल का राज्‍यपाल नियुक्‍त किए जाने पर खान ने कहा कि ये देशसेवा का अच्‍छा मौका है. मुझे भारत जैसे देश में जन्‍म लेने पर गर्व है.


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आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "यह सेवा करने का एक मौका है. सौभाग्यशाली हूं कि मैंने भारत जैसे देश में जन्म लिया जो विविधता से परिपूर्ण है. यह देश के महत्वपूर्ण हिस्से केरल को जानने का एक अवसर है."  


1986 में शाहबानो केस को लेकर कांग्रेस छोड़ने वाले आरिफ मोहम्मद खान ने ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी घोषित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले का समर्थन किया था. यही नहीं आरिफ मोहम्मद खान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के भी समर्थन में थे.
 
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से ताल्लुक रखने वाले 68 वर्षीय आरिफ मोहम्मद खान ने 1951 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत एक छात्र नेता के रूप में की थी. उन्होंने बुलंदशहर की स्याना विधानसभा सीट से भारतीय क्रांति दल के टिकट पर चुनाव में भाग्य आजमाया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 1977 में 26 वर्ष की उम्र में वह उत्तर प्रदेश विधानसभा पहुंचे. खान ने फिर कांग्रेस ज्वाइन कर ली और 1980 में कानपुर से जबकि 1984 में बहराइच से सांसद चुने गए.


 



1986 में शाहबानो प्रकरण के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और वीपी सिंह के नेतृत्व वाले जनमोर्चा में शामिल हो गए. बाद में जनता दल से 1989 में लोकसभा के लिए चुने गए. जब 1989 में जनता दल सत्ता दल में आया तो उन्हें वीपी सिंह सरकार में मंत्री बनाया गया. खान बाद में जनता दल छोड़कर बसपा में शामिल हो गए. 1998 में बहराइच से फिर सांसद बने. 2004 में उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन कर ली.