Niger Politics: इस अफ्रीकी मुल्क में सेना ने किया तख्तापलट! लेकिन अमेरिका के छूटे पसीने, जानिए क्यों?
Niger Uranium Producers: अफ्रीका में एक छोटा सा मुल्क है जिसे दुनिया नाइजर के नाम से जानती है. नाइजर की सेना ने वहां का तख्तापलट कर दिया है और पूरे देश पर अपना आधिपत्य जमा लिया है. इस छोटे से मुल्क में हुए सत्ता परिवर्तन से अमेरिका समेत अन्य यूरोपीय देश चिंता में डूब गए हैं. जानिए क्यों?
Niger Military Coup: दुनिया भर में अफ्रीकी देशों को गरीब मुल्कों के तौर पर पेश किया जाता है, लेकिन इसी अफ्रीका में एक ऐसा छोटा सा मुल्क है, जहां की राजनीति ने अमेरिका समेत दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींच रखा है. अफ्रीका के नाइजर में सैन्य ताकतों ने वहां का तख्ता पलट कर दिया. सेना ने टीवी पर आकर नाइजर के संविधान को भंग करने का ऐलान कर दिया और देश की सभी सीमाओं को बंद कर दिया है. नाइजर में हुए इस तख्तापलट पर अमेरिका ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने अपील की है कि नाइजर में तत्काल प्रभाव से वहां के राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम को रिहा किया जाए और पूरे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था कायम की जाए.
यूरेनियम के लिए मशहूर
अमेरिका ही नहीं बल्कि कई यूरोपीय देश और अफ्रीकी यूनियन भी इस तख्तापलट से परेशान हैं. आपको बता दें कि नाइजर दुनिया के सबसे गरीब देशों की लिस्ट में शामिल है, लेकिन यहां यूरेनियम का बहुत बड़ा भंडार है जिसकी वजह से इस पर सभी देशों का ध्यान लगा हुआ है. विश्व परमाणु संघ के मुताबिक नाइजर यूरेनियम उत्पादन के मामले में सातवें नंबर पर आता है.
क्या है यूरेनियम का इस्तेमाल?
आपको बता दें कि यूरेनियम का इस्तेमाल एटम बम बनाने और एटॉमिक एनर्जी से जुड़े कामों में किया जाता है. इसी वजह से इस पर दुनिया की निगाहें टिकी हुई हैं. यूरेनियम के सप्लाई चेन में अकेले नाइजर का 5 फीसदी हिस्सा है. अगर इस देश में सीमाएं लंबे समय तक के लिए बंद रहेंगी, तो अन्य देशों के लिए एटॉमिक एनर्जी से जुड़े योजनाओं पर काम करना बेहद मुश्किल होगा.
4 बार हुआ तख्तापलट
गौरतलब है कि 1960 में फ्रांस से आजाद होने के बाद नाइजर में चार बार तख्तापलट हो चुका है. बाकी देशों को यूरेनियम सप्लाई करने वाला यह देश अब सेना द्वारा कंट्रोल किया जाएगा जिसकी वजह से यूरेनियम आपूर्ति में बाधा पैदा होगी. नाइजर में चल रही सियासी उठापटक बाकी देशों के विकास कार्यक्रमों में रुकावट डाल सकती है. इसी वजह से अमेरिका यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था स्थापित करने की वकालत कर रहा है.