Jammu and Kashmir terrorism: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों का ऐलान होने से पहले तक कश्मीर घाटी में काफी शांति थी. आतंकी घटनाएं लगभग न के बराबर थीं. लोकसभा चुनावों के दौरान यानी अप्रैल और मई के महीने में ये कहा जाने लगा था कि पाकिस्तान और उसके आतंकवादियों ने अपना 'टेरर किचन' कश्मीर से जम्मू शिफ्ट कर दिया है. हालांकि विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कश्मीर में एक बार फिर आतंकवादी घटनाओं में इजाफा हुआ है. पिछले 7 दिनों में 13 मौतें हो चुकी हैं. जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमलों (Jammu and Kashmir Terror Attacks) को लेकर सेना का एक बड़ा बयान आया है.


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हथियार और बैग छोड़कर भागे आतंकवादी: सेना


सेना ने शुक्रवार को कहा कि बूटा पाथरी हमले से यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है. रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 'कश्मीर में शांति और स्थिरता को बाधित करने के उद्देश्य से पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 24 अक्टूबर 2024 को बारामूला के बूटा पाथरी क्षेत्र में सेना की एक टुकड़ी को कायरतापूर्ण तरीके से निशाना बनाया, जिसमें सैनिक और स्थानीय पोर्टर सवार थे. गोलीबारी होने पर सतर्क सैनिकों ने तेजी से जवाब दिया. इस कारण आतंकवादियों को हथियार और बैग छोड़कर पीछे हटने पर मजबूर होना पड़ा. लेकिन वह एक नाले और अंधेरे का फायदा उठाकर घने जंगल में भाग गए.'


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शहीद जवानों की बहादुरी को सलाम 


सेना ने अपने बयान में ये भी कहा, 'अनंतनाग जिले और सिरसा जिले के एक-एक बहादुर भारतीय सेना के जवान गोलीबारी के दौरान लगी चोटों के कारण शहीद हो गए. सेना राइफलमैन कैसर अहमद शाह और राइफलमैन जीवन सिंह की बहादुरी को सलाम करती है, जिन्होंने गोली लगने के बावजूद जवाबी कार्रवाई की और आतंकवादियों को भागने पर मजबूर कर दिया. भारतीय सेना इस कायराना आतंकवादी हमले में शहीद जवानों की बहादुरी को सलाम करती है. हमारे जाबांज सैनिकों की कार्रवाई ने आतंकवादियों को और अधिक नुकसान पहुंचाने से रोका तथा राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करने और कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के शत्रुतापूर्ण एजेंडे का मुकाबला करने के लिए अटूट साहस और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया. 


'पाकिस्तान को मिलेगा माकूल जवाब'


सेना ने ये भी कहा, 'जवानों का बलिदान और उनका निस्वार्थ कार्य हमारे देश और नागरिकों की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के संकल्प का प्रमाण है. बहादुर सैनिकों के साथ-साथ दो कश्मीरी पोर्टर बोनियार तहसील निवासी जहूर अहमद मीर और उरी तहसील निवासी मुश्ताक अहमद चौधरी ने भी देश की सेवा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. साफ है कि पाकिस्तानी आतंकवादी जानबूझकर घाटी में भय और आतंक पैदा करने के लिए कश्मीरी स्थानीय आबादी को निशाना बना रहे हैं, जो शांति और स्थिरता की ओर बढ़ रही है.'


रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, 'इन आतंकवादियों की एकमात्र विचारधारा 'घाटी में आतंक का राज' है.' भारतीय सेना बहादुर सैनिकों और पोर्टरों को श्रद्धांजलि देती है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है. रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है, 'भारतीय सेना अपने सभी नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और आतंकवाद से निपटने और कश्मीर घाटी में सद्भाव को बढ़ावा देने के अपने प्रयासों को दृढ़ता से पूरा करेगी. इन बहादुर कश्मीरियों और भारतीय सेना के जवानों का बलिदान आने वाली पीढ़ियों को आतंक के अपराधियों के खिलाफ खड़े होने के लिए प्रेरित करेगा.' IANS