नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने यहां शुक्रवार को नोटबंदी और जीएसटी को पूरी तरह 'असफल' बताते हुए कहा कि वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू करने में अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने कहा, "नोटंबदी के बाद 20 लाख लोगों की नौकरी खत्म हो गई. अब सरकार नोटबंदी को सफल बताने के लिए झूठ का सहारा ले रही है." पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए सिन्हा ने कहा, "नोटबंदी का उद्देश्य पूरा नहीं हुआ है और कोई कालाधन भी वापस नहीं आया है, बल्कि 99 फीसद करेंसी वापस आ गई है."


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अटल बिहारी वाजपेयी के वित्तमंत्री रहे सिन्हा ने जीएसटी पर भी नरेंद्र मोदी सरकार को पूरी तरह असफल बताते हुए कहा कि अगर जीएसटी सही है, तो इसमें लगातार बदलाव की जरूरत क्यों पड़ रही है. उन्होंने कहा कि समाज जब आर्थिक दृष्टिकोण से मजबूत होगा, तभी लोगों को रोजगार मिल पाएगा. सिन्हा ने अरुण जेटली पर तंज कसते हुए कहा कि वह अपनी गलती सुधारने के लिए रोज बदलाव कर रहे हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वित्तमंत्री बदलने की मांग भी की. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग को 'जुबानी जमा खर्ची' बताते हुए सिन्हा ने कहा कि ऐसी मांग करने से कुछ नहीं होने वाला है. इसके लिए मुख्यमंत्री विधानसभा से प्रस्ताव पास कराएं और केंद्र सरकार को भेजें. 


यशवंत सिन्हा ने खुद को बताया 'भीष्म' तो बीजेपी बोली, 'वह कौरवों की तरफ हैं'


गौरतलब है कि पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा लगातार केंद्र सरकार को निशाने पर लिए हुए हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर अपना निशाना साधा और 'राजशक्ति' पर अंकुश के लिए ‘लोकशक्ति’ का आह्वान किया था. विदर्भ के अकोला में किसानों के गैर सरकारी संगठन शेतकारी जगर मंच के जरिए आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी केंद्र सरकार को निशाना बनाया. जयप्रकाश का उल्लेख करते हुए सिन्हा ने लोकशक्ति आंदोलन की अपील की जो राजसत्ता पर नियंत्रण रखेगी. उन्होंने कहा, "हम यह लोकशक्ति पहल अकोला से शुरू करें." सिन्हा ने कहा, "हम पहले से मंदी का सामना कर रहे हैं. और आंकड़ों का क्या? आंकड़े एक चीज साबित कर सकते हैं तो उसी आंकड़े से दूसरी चीज भी साबित की जा सकती है."