नई दिल्ली: पूर्व वित्तमंत्री व बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को एम्स में 66 वर्ष की आयु में निधन हो गया. सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद जेटली को नौ अगस्त को एम्स में भर्ती कराया गया था. जेटली का गुरुवार को डायलिसिस हुआ था. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है.


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अरुण जेटली के पार्थिव शरीर उनके निवास कैलाश कॉलोनी से बीजेपी मुख्यालय पहुंच गया है और अंतिम दर्शन केे लिए रखाा गया हैै. 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछले मंत्रिमंडल में भाजपा के दिग्गज नेता ने वित्तमंत्री का कार्यभार 2014 से 2018 तक संभाला. इससे पहले वह राज्यसभा में 2009 से 2014 तक नेता प्रतिपक्ष रहे. वह मोदी सरकार के लिए सबसे बड़े संकटमोचक थे. जब-जब सरकार संकट में आई, वह सरकार के बचाव के लिए आगे आए. वित्त मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान, जेटली ने भारत के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके अलावा उनके कार्यकाल के दौरान ही नोटबंदी का निर्णय भी लिया गया था. 


 



आज ढाई बजे निगम बोध घाट में होगा अंतिम संस्कार
जेटली का अंतिम संस्कार आज निगम बोध घाट पर दोपहर ढाई बजे किया जाएगा. सुबह 10 बजे भाजपा मुख्यालय में उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा जहां पार्टी कार्यकता और उनके शुभचिंतक उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. शनिवार रात उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने वालों में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, सांसद हंसराज हंस, दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता शामिल रहे. 


इससे पहले जेटली के निधन की खबर सुनकर एम्स पहुंचने वालों में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, हरदीप पुरी, जितेंद्र सिंह, अनुराग ठाकुर, भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़, मनोज तिवारी एवं रमेश बिधूड़ी प्रमुख रूप से शामिल रहे.