Arunachal Pradesh: ड्रैगन को हर मोर्चे पर मुहतोड़ जवाब देने की तैयारी भारत ने कर ली है. इसी कड़ी में LAC के करीब तवांग तक 13 हजार फीट की ऊंचाई पर एक ऐसी सुरंग लगभग बनने को तैयार है जो सेना के लिए काफी महत्वपूर्ण है. असल में अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग परियोजना का काम पूरा हो चुका है. सेला टनल 13,000 फीट से ज्‍यादा की ऊंचाई पर बनी दुनिया की सबसे बड़ी डबल लेन सुरंग होगी. चीन से सटे अरुणाचल प्रदेश में यह सुरंग गेमचेंजर साबित होगी.


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दरअसल, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस प्रोजेक्ट के साथ काम कर रहे नंदा किशोर ने कहा कि, टनल का काम जुलाई 2023 तक पूरा किया जा सकता है. केंद्र ने अरुणाचल प्रदेश के लिए बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए योजना तैयार कर ली है. इसी कड़ी का अगला कदम यह सुरंग है. यह सैन्य नजरिए से बहुत ही अहम है. यह टनल भारत-चीन सीमा तक किसी भी मौसम में कनेक्टिविटी के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगी. इस सेला पास टनल का काम बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) कर रही है.


जानकारी के मुताबिक सेला पास टनल वर्तमान में इस्तेमाल किए जा रहे रोड को बाइपास करके बैसाखी को सीधे नूरानंग तक जोड़ेगी. द सेला टनल, सेला-चारबेला रिज से कटती है जो कि तवांग जिले को वेस्ट कामेंग जिले से काटती है. यह द सेला पास से पश्चिम की ओर कुछ किलोमीटर दूरी पर स्थित है. इस टनल के बनने से यहां पर वाहनों की आवाजाही बहुत ही आसाम से की जा सकेगी. इसके साथ ही यहां की दूरी 8-9 किलोमीटर तक कम हो जाएगी.


इतना ही नहीं सर्दियों के मौसम में वर्तमान सेला दर्रा सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही मुश्किल होती है. अब सेला सुरंग के निर्माण के साथ पूरे वर्ष यातायात की सुविधा दी जाएगी. इस क्षेत्र में जाने वाले भारी वाहन चाहे वह सुरक्षा बल के हों या निजी उद्योग के सामग्री लेकर जा रहे हों, सेला सुरंग से आसानी से गुजर सकेंगे और तवांग तक उनकी पहुंच खुल जाएगी. साथ ही इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण सुरंग है.