समान नागरिक संहिता पर मोदी सरकार को मिला केजरीवाल का समर्थन, अब क्या होगा विपक्ष का प्लान?
चिदंबरम ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि यूसीसी साधारण प्रक्रिया है. उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें कहा गया है कि यह इस वक्त सुसंगत नहीं है. भाजपा की कथनी और करनी के कारण देश आज बंटा हुआ है. ऐसे में लोगों पर थोपा गया यूसीसी विभाजन को और बढ़ाएगा. एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार इसे लोगों पर थोप नहीं सकती.’’
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को समर्थन किया है. आम आदमी पार्टी ने यूसीसी पर समर्थन जताते हुए कहा कि ये तभी संभव है जब सभी हितधारकों के साथ परामर्श के माध्यम से व्यापक सहमति बने. आम आदमी पार्टी के नेता संदीप पाठक ने कहा, "हम सैद्धांतिक रूप से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का समर्थन करते हैं क्योंकि अनुच्छेद 44 भी कहता है कि देश में यूसीसी होना चाहिए. इसलिए, सभी धर्मों, राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ व्यापक परामर्श किया जाना चाहिए और आम सहमति बनाई जानी चाहिए."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यह कहकर देशव्यापी बहस छेड़ दी कि देश दो कानूनों पर नहीं चल सकता और समान नागरिक संहिता संविधान का हिस्सा है. पीएम मोदी की ओर से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) की पुरजोर वकालत किए जाने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि ‘एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार’ इसे लोगों पर थोप नहीं सकती क्योंकि इससे लोगों के बीच ‘विभाजन’ बढ़ेगा.ॉ
चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ऐसा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि यूसीसी साधारण प्रक्रिया है. उन्हें पिछले विधि आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए जिसमें कहा गया है कि यह इस वक्त सुसंगत नहीं है. भाजपा की कथनी और करनी के कारण देश आज बंटा हुआ है. ऐसे में लोगों पर थोपा गया यूसीसी विभाजन को और बढ़ाएगा. एजेंडा आधारित बहुसंख्यक सरकार इसे लोगों पर थोप नहीं सकती.’’
पीएम मोदी ने कहा था, 'आज यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है. देश दो (कानूनों) पर कैसे चल सकता है? संविधान भी समान अधिकारों की बात करता है... सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है. ये (विपक्ष) लोग वोट बैंक की राजनीति का खेल खेल रहे हैं.'
इस पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम से पूछा कि क्या सरकार "देश के बहुलवाद और विविधता को खत्म करने" पर विचार कर रही है?
गौरतलब है कि यूसीसी लंबे समय से भाजपा के तीन प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक रही है, जिसमें दूसरा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करना और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण है. विधि आयोग ने सार्वजनिक और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से राय मांगी थी.