आम आदमी पार्टी की सरकार दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को अपनी नाक की लड़ाई बना चुकी है. इस अध्यादेश को लेकर आम आदमी पार्टी ने पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को बहिष्कार करने की धमकी तक दे दी है. कांग्रेस का कहना है कि अगर शुक्रवार तक कांग्रेस केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अपने समर्थन का ऐलान नहीं करती है तो आम आदमी पार्टी विपक्षी दलों की बैठक में शामिल नहीं होगी.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मुद्दा अध्यादेश कभी रहा ही नहीं. इसका उद्देश्य बीजेपी को हराने की विपक्ष की रणनीति पर बातचीत करना और उसे तैयार करना है. हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगातार विपक्षी नेताओं से अध्यादेश के खिलाफ समर्थन की मांग कर रहे हैं. उन्होंने पत्र लिखकर विपक्षी दलों से समर्थन की मांग की है. 


केजरीवाल ने यहां तक कहा था कि सभी विपक्षी दलों को कांग्रेस से इस मुद्दे पर अपना रुख साफ करने के लिए कहना चाहिए. दरअसल, अरविंद केजरीवाल किसी भी तरह मानसून सत्र में इस विधेयक को राज्यसभा में रोकना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें कांग्रेस के समर्थन की जरूरत होगी. यही कारण है कि वो लगातार कांग्रेस से इस पर समर्थन देने की बात कह रहे हैं. केजरीवाल ने इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने के लिए समय भी मांग चुके हैं. लेकिन न तो उन्हें समय मिला और न ही समर्थन.


और तो और, कई कांग्रेस नेताओं ने खुलेआम ये बात कही है कि अध्यादेश के मुद्दे पर दिल्ली की आम आदमी पार्टी को समर्थन नहीं देना चाहिए. इधर, केजरीवाल का कहना है कि अगर इस अध्यादेश को रोकने में कांग्रेस का समर्थन मिल जाता है तो पूरे देश में ये संदेश जाएगा कि विपक्ष एकजुट है.