Meat Ban in Bengaluru: बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर 31 अगस्त को बेंगलुरु में मांस और वध पर प्रतिबंध लगा दिया है. प्रतिबंध बीबीएमपी सीमा के अंतर्गत आने वाले सभी क्षेत्रों में लागू होगा. गणेश चतुर्थी के मद्देनजर नगर निकाय ने मीट पर बैन लगाने के लिए एक सर्कुलर जारी किया. बीबीएमपी के इस फैसले पर हैदराबाद के सांसद और AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये फैसला संविधान के खिलाफ है. 


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ओवैसी ने कहा कि बेंगलुरु में जो कर्नाटक सरकार ने ऑर्डर पास किया है वो संविधान के अनुच्छेद 14,19 और 21 के खिलाफ है. बीजेपी सरकार कर्नाटक में संविधान के अनुच्छेद 14,19 और 21 के खिलाफ और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ फैसला ले रही है. 


ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मैं क्या खाऊंगा, मैं क्या पहनूंगा, ये फैसला सरकार नहीं करेगी. तो कर्नाटक की बीजेपी सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ ये फैसला ले रही है. ओवैसी ने कहा कि कर्नाटक में 80 फीसदी लोग गोश्त खाते हैं. सरकार अपने इस फैसले से गरीबों को सजा दे रही है. ये सरकार दौलतमंद की है. बीजेपी दुनिया को क्या संदेश देना चाहती है. 


सर्कुलर में क्या लिखा? 


बीबीएमपी ने जो सर्कुलर जारी किया है, उसमें लिखा है कि गणेश चतुर्थी के अवसर पर पशु वध और मांस की बिक्री का बैन रहेगा. संयुक्त निदेशक ( पशुपालन) ने बताया कि बुरहट बैंगलोर महानगर निगम के अंतर्गत बिक्री स्टालों में पशुओं का वध और मांस की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है. इससे पहले इस महीने की शुरुआत में नगर निकाय ने शुक्रवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर मांस की बिक्री और जानवरों की हत्या पर प्रतिबंध लगाने का एक नोटिस जारी किया था. 


 


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