नई दिल्ली: स्वतंत्रता संग्राम में आजादी के मतवालों की तीर्थस्थली और काला पानी के नाम से मशहूर अंडमान के सेलुलर जेल को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एसआई) द्वारा अपने नियंत्रण में अभी तक नहीं लिए जाने पर संसद की एक समिति ने सवाल उठाया है. अभी इस ऐतिहासिक जेल का नियंत्रण अंडमान एवं निकोबार प्रशासन के पास है. पर्यटन मंत्रालय से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने संसद में हाल में पेश एएसआई से यह सवाल किया है कि वह सेलुलर जेल को अपने नियंत्रण में कब ले रहा है ?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जल्द होगा अधिग्रहण
रिपोर्ट में कहा गया कि परिवहन , पर्यटन और संस्कृति पर विभाग संबंधित संसदीय स्थायी समिति की नौ नवंबर 2016 को हुई बैठक में एएसआई के अपर महानिदेशक से इस संबंध में पूछा था. एएसआई ने समिति के समक्ष यह प्रतिबद्धता जतायी थी कि वह सेलुलर जेल में बंद स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित इस राष्ट्रीय स्मारक का अधिग्रहण करेगा.


लाइट एंड साउंड सिस्टम में सुधार की मांग
तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन की अध्यक्षता वाली इस समिति ने अंडमान के रोज द्वीप में लाइट एंड साउंड सिस्टम को ‘बहुत अच्छा’ बताया. किन्तु इसने सेलुलर जेल के लाइट एंड साउंड शो में सुधार करने की आवश्यकता पर बल दिया है.


धरती पर 'नर्क' की ज़ुबानी, आज़ादी की लड़ाई का 'काला-पानी'


रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘समिति यह सिफारिश करती है कि सेलुलर जेल के लाइट एंड साउंड शो का समुचित रूप में सुधार किया जाए ताकि हम अपने इतिहास को दिखा सकें.’’ 


समिति ने पूरे देश में विभिन्न स्मारकों तथा पर्यटक स्थलों पर लाइट एंड साउंड शो शुरू करने की दिशा में भारतीय पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) की सराहना की. समिति ने यह सुझाव दिया है कि पर्यटन मंत्रालय इस कार्य के लिए अपने पास उपलब्ध निधियों से यथासंभव सीमा तक अपेक्षित वितीय सहायता प्रदान करे क्योंकि लाइट एंड साउंड शो बड़ी संख्या में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र होते हैं. समिति के इस सुझाव पर सरकार ने जवाब दिया है कि पर्यटन आधारभूत ढांचे के विकास के लिए केन्द्रीय एजेंसियों को सहायता नामक स्कीम के तहत आईटीडीसी को तीन परियोजनाओं हेतु मंजूरी दी गयी है. ये परियोजनाएं क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं. इन तीन परियोजनाओं में दीव फोर्ट में लाइट एंड साउंड शो, सारनाथ और वाराणसी के चार स्मारकों को रोशन करना और हरियाणा में तिलयार झील पर मल्टीमीडिया शो शामिल हैं.


देश और दुनिया की खबरें पढ़ेने के लिए यहां क्लिक करें


होटल में हो वर्गीकरण
समिति ने अन्य स्थानों की तुलना में अंडमान में होटल आवास के मानक घटिया होने और इस कमी को दूर करने के लिए पर्यटन मंत्रालय से आवश्यक कदम उठाने को कहा था. सरकार ने इसके जवाब में कहा है कि होटल निर्माण मुख्य रूप से निजी क्षेत्र की गतिविधि है. पर्यटन मंत्रालय अपनी स्वैच्छिक योजना के तहत क्रियाशील होटलों को 1 से 5 स्टार वाले डीलक्स श्रेणी में तथा बुनियादी, क्लासिक और ग्रैंड श्रेणी के तहत विरासत होटल में वर्गीकृत करता है.