गुवाहटी: असम में आतंकवादी संघठन NDFB (S) में शामिल दो कट्टर महिला आतंकवादियों को सेना ने हथियार सहित गिरफ्तार कर लिया. प्रतिबंधित संगथन NDFB (S) में गरीब ग्रामीण महिलाओं को शामिल करने की अभियान में जुटा था. दोनों हार्डकोर महिला आतंकवादी गिरफ्त में आईं. 


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असम में आतंकवादी संघठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ़ बोडोलैंड (एनडीएफबी-एस ) गुट की दो कट्टर महिला आतंकवादियों को भारतीय सेना के रेड हॉर्न्स इकाई ने असम पुलिस के साथ चिरांग जिले के पंबारी में ऑपरेशन चलाकर गिरफ्तार कर लिया. असम में आतंकवादी संगठनों में गरीब ग्रामीण महिलाओं को शामिल करने की मुहिम का पर्दाफाश हो गया है.


पुलिस ने बताया कि दोनों महिलाएं एनडीएफबी का हार्डकोर आतंकवादी हैं जिनकी ट्रेनिंग नागालेंड के जंगलों में कराइ गई थी और असम के चिरांग जिले में ग्रामीण इलाकों के गरीब महिलाओं को प्रतिबंधित आतंकवादी संघठन एनडीएफबी एसके बाथा और बिदाई गुट में बहला फुसलाकर शामिल कराने के इरादे से नागालैंड से दोनों कट्टर महिला आतंकवादियों असम के चिरांग जिले में भेजा गया था.   
सेना के हत्थे चढ़ी दोनों महिला आतंकवादियों के नाम रोटिमा बोर्गॉयरी उर्फ बी रमई (संयुक्त सचिव, महिला कल्याण और ४२ बैच की प्रशिक्षक) ४० बैच एनडीएफबी (एस) कैडर और जूली बासुमतरी उर्फ बी जीरी ,42 बैच एनडीएफबी (एस) कैडर बताए गए हैं. 


चिरांग पानबारी पुलिस चौकी के डीएसपी सुधाकर सिंह ने मीडिया को बताया कि असम में सक्रिय आतंकवादी संगठन एनडीएफबीएस गुट के नागालैंड के घने जंगलों में स्तिथ कैम्पों में ट्रेनिंग लेकर दोनों कट्टर महिला आतंकवादियों को चिरांग जिले के ग्रामीण गरीब महिलाओं को बहला फुसलाकर आतंकवादी संगठन में शामिल करवाने और ट्रैनिंग देने के इरादे से भेजा गया था. सेना के रेड हॉर्न्स इकाई को इसकी सूचना मिलते ही पुलिस के साथ चिरांग जिले पानबारी के जंगलों में संयुक्त ऑपरेशन चलाया गया और दोनों आतंकवादियों के साथ दो चीनी मेड गन के अलावा भी एके सीरीज के हथियार और गोला बारूद भी बरामद किया गया. 


बताया जा रहा है कि सेना और पुलिस के इस अभियान से गिरफ्तार हुए दोनों महिला आतंकवादियों से एनडीएफबीएस के असम में दोबारा से सक्रिय करने और महिलाओं को जोड़ने की मोडस ऑपरेंडी को गहरा झटका लगा है. बता दें कि असम के बोड़ो जनजाति बहुल क्षेत्रों में सक्रीय एनडीएफबी -एस का सेना और पुलिस के लगातार अभियान से कमर टूट चुकी हैं और अब युवा इस प्रतिबंधित संघठन में शामिल नहीं होने से, ग्रामीण इलाकों की गरीब महिलाओं को एनडीएफबी -एस में भर्ती कर इस आतंकवादी संघठन को फिर से सक्रीय करने की कोशिशों में जुटा है. एनडीएफबी -एस लेकिन भारतीय सेना की तत्परता और बहादुरी ने आतंकवादी संगठन एनडीएफबी -एस की मंसूबों पर पानी फेर दिया है.