History of Naini Jail: पहले भी नैनी जेल के फौलाद का स्वाद चख चुका है अतीक, नेहरू भी यहां रह चुके हैं कैद
Atique Ahmed Naini Jail: अतीक का बेटा अली भी इसी जेल में कैद है. लेकिन अतीक के आने से पहले ही अली को किसी अन्य बैक में ट्रांसफर कर दिया गया है. इसके अलावा अतीक के भाई को भी बरेली जेल से नैनी जेल लाया जा रहा है. दरअसल 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप अतीक एंड कंपनी पर लगा है.
Atiq Ahmed in Naini Jail: माफिया डॉन अतीक अहमद साबरमती जेल से प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल पहुंच चुका है. उमेश यादव मामले में अब उसे मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. 45 पुलिसकर्मियों की टीम अतीक को साबरमती जेल से लेकर निकली थी, इसके बाद करीब 24 घंटे का सफर तय कर डॉन अतीक अहमद नैनी जेल पहुंच गया. नैनी जेल में किसी जमाने में स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया जाता था लेकिन आज अतीक जैसे माफिया को यहां कैद किया गया है.
हालांकि अतीक के लिए नैनी जेल कोई नई जगह नहीं है. वह यहां पहले भी कैद रह चुका है. कुख्यात माफिया और सांसद रह चुके अतीक को यहां से 2019 में गुजरात की साबरमती जेल में शिफ्ट किया गया था. अकसर बदमाशों को एक जिले से दूसरे जिले की जेल में शिफ्ट किया जाता है. लेकिन इकलौता अतीक ही ऐसा कुख्तात डॉन है, जिसको कई बार जेल बदर किया गया. लेकिन बावजूद इसके उसके गुर्गों और उसने सलाखों के पीछे भी अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया.
नेहरू भी रह चुके हैं कैद
सांसद रह चुका अतीक अहमद सियासत से लेकर क्राइम की दुनिया के हर दांव-पेच जानता है. जेल जाने से उसको डर नहीं लगता. बल्कि इन जेलों से ही उसका रुतबा और विरोधियों में डर बढ़ा है.
बता दें कि प्रयागराज की नैनी जेल में कभी स्वतंत्रता सेनानी कैद किए जाते थे. इस जेल में साल 1930 में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू को अंग्रेजी हुकूमत ने सलाखों के पीछे कैद रखा था. साल 1930 और 1945 में पंडित नेहरू भी यहां बंद रहे. यहीं से पंडित नेहरू ने 13 साल की इंदिरा गांधी को खत लिखे थे. 1 मार्च 1941 को महात्मा गांधी इस जेल में कैद विजय लक्ष्मी पंडित और अबुल कलाम आजाद जैसे आजादी के मतवालों से मिलने आए थे. 11 सितंबर 1942 से 13 मई 1943 तक फिरोज गांधी और इंदिरा गांधी भी इस जेल में रह चुके हैं.
कभी नैनी जेल में लगता था दरबार
अतीक अहमद ने एक लंबा वक्त नैनी जेल में काटा है. बताया जाता है कि यहां वह दरबार भी लगाता था. राजू पाल की हत्या के बाद अतीक और उसके कई गुर्गे यहां कैद रहे हैं. ये जेल उनको लिए किसी गेस्ट हाउस से कम नहीं थीं. कहा जाता है कि नैनी जेल में अतीक की हर मांग पूरी होती थी. उसकी सुख-सुविधा से लेकर बैठकों, दावतों और बैडमिंटन कोर्ट का भी इंतजाम था.
बेटा भी नैनी जेल में कैद
अतीक का बेटा अली भी इसी जेल में कैद है. लेकिन अतीक के आने से पहले ही अली को किसी अन्य बैक में ट्रांसफर कर दिया गया है. इसके अलावा अतीक के भाई को भी बरेली जेल से नैनी जेल लाया जा रहा है. दरअसल 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. इसका आरोप अतीक एंड कंपनी पर लगा है. लेकिन साल 2006 में उमेश को अगवा कर लिया गया था. इसी कारण दोनों भाइयों को नैनी जेल लाया गया है.
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