Shaista Parveen letter to CM Yogi: मााफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद अब अतीक अहमद और उसके परिवार की तरफ से यूपी सरकार और सुप्रीम कोर्ट को लिखी गई चिट्ठियों की चर्चा शुरू हो गई है. अतीक की चिट्ठी के बाद उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) की यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी गई एक चिट्टी सामने आई है. Zee News के पास मौजूद इस एक्सक्लूज़िव लेटर में शाइस्ता ने यूपी सरकार के एक मंत्री और यूपी पुलिस के दो अधिकारियों पर अतीक अहमद की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. बता दें कि शाइस्ता फिलहाल गिरफ्तारी के डर से फरार है.


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शाइस्ता परवीन ने 27 फरवरी को लिखी थी चिट्ठी


अतीक अहमद (Atique Ahmed) की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) ने ये लेटर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) को 27 फरवरी 2023 को लिखा था. यानी प्रयागराज में उमेश पाल (Umesh Pal) की दिनदहाड़े हुई हत्या के तीन दिन बाद और प्रयागराज में ही उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के 47 दिन पहले. सीएम योगी को लिखी इस चिट्ठी में शाइस्ता परवीन ने यूपी सरकार के एक मंत्री और यूपी पुलिस के दो अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे.


आखिर शाइस्ता का इशारा किसकी तरफ था?


अतीक अहमद (Atique Ahmed) और अशरफ की हत्या के बाद शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) का ये लेटर महत्वपूर्ण हो चुका है. तो चलिए आपको बताते हैं कि इस लेटर के लिए शाइस्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से क्या-क्या कहा था. अतीक मर्डर को लेकर इस चिट्टी में शाइस्ता का सबसे हैरान करने वाला दावा एक मंत्री को लेकर है.


शाइस्ता ने अपनी चिट्ठी में कहा था, 'सत्यता ये है कि जबसे बहुजन समाज पार्टी से मुझे प्रयागराज से महापौर का प्रत्याशी घोषित किया गया तबसे यहां के एक स्थानीय नेता, आपकी सरकार में कैबिनेट मंत्री ने महापौर पद अपने पास रखे रहने के लिए हम लोगों को चुनावों से दूर रखने की साजिश रचना शुरू कर दिया था और उसी साजिश के परिणाम स्वरूप एक ऐसे व्यक्ति की हत्या करवाई गई, जिसकी हत्या का आरोप मेरे पति पर लगना अवश्यम्भावी था.


ये चिट्ठी शाइस्ता परवीन ने उस वक्त लिखी थी, जब अशरफ और अतीक को उमेश पाल मर्डर केस में पूछताछ के लिए प्रयागराज लाने की बातें शुरू हुई थीं. इसके बाद अतीक अहमद और अशरफ को पुलिस एनकाउंटर का डर सताने लगा था. शाइस्ता परवीन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखी चिट्ठी में यूपी पुलिस के दो बड़े अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए थे. 


शाइस्ता ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी में कहा था, 'प्रयागराज पुलिस पूरी तरह से आपके मंत्री के दबाव में काम कर रही है एवं मुकदमे में रिमांड के बहाने मेरे पति अतीक अहमद और मेरे देवर अशरफ को क्रमश: अहमदाबाद जेल और बरेली जेल से बुलवाकर रास्ते में हत्या करवाने की साजिश है. इसमें दो पुलिस अधिकारी जो कि अतीक अहमद के विरोधियों से उनकी हत्या की सुपारी बहुत पहले से लिए बैठे हैं. आपके द्वारा मिट्टी में मिला देने वाले बयान से इन पुलिस अधिकारियों को मेरे पति और देवर की हत्या की साजिश को अंजाम देने का पूरी तरह से अवसर मिल गया है. यदि आपने दखल नहीं दिया तो मेरे पति और देवर तथा पुत्रों की हत्या हो जाएगी.



शाइस्ता ने की थी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की मांग


अतीक अहमद (Atique Ahmed) को गुजरात के साबरमती और अशरफ को बरेली जेल से लेकर प्रयागराज आना था, लेकिन शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) ने सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मांग की थी  कि अतीक और अशरफ की सुनवाई वीडियो क्रान्फ्रेंसिंग से हो. इसके लिए शाइस्ता ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की जानकारी भी दी थी, जिसमें अतीक को ऐसे जेल में रखने की बात कही गई थी, जिसमें वीडियो कान्फ्रेंसिंग की सुविधा हो. इस चिट्टी में शाइस्ता ने उमेश पाल मर्डर की निंदा भी की थी और इसमें अपने परिवार के शामिल होने के आरोपों को निराधार बताया था. शाइस्ता ने इस चिट्ठी में हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की मांग भी की थी. 


शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) ने अपनी चिट्ठी में लिखा था, 'आपसे सादर ससम्मान प्रार्थना है कि उपरोक्त मुकदमा अपराध संख्या 114 सन 2023 धारा 147, 148, 149, 302, 307, 120बी, 506, 34 आईपीसी की धारा 3, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908, एवं 7 सीएलए एक्ट थाना धूमनगंज प्रयागराज की निष्पक्ष विवेचना सीबीआई द्वारा करवाने एवं किसी भी दशा में मेरे पति अतीक अहमद देवर खालिद अजीम उर्फ अशरफ एवं पुत्रों मोहम्मद उमर एवं मोहम्मद अली अहमद को जेल से न निकालने. समस्त न्यायिक कार्यवाही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से करवाने अथवा जेल परिसर में ही करवाने एवं 24 फरवरी शाम से लगातार अवैध पुलिस अभिरक्षा में निरुद्ध मेरे नाबालिग पुत्रों को अविलंब रिहा करने हेतु उचित आवश्यक एवं प्रभावी आदेश पारित करने की कृपा करें अति कृपा होगी.
(इनपुट- अभिषेक कुमार)


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