नई दिल्‍ली : अयोध्या मामले (Ayodhya Case) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 30वें दिन की सुनवाई आज होगी. आज मुस्लिम पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन (Rajeev Dhavan) की बहस जारी रहेगी. सोमवार को राजीव धवन ने कहा था कि हम मान लेते हैं कि राम का जन्म वहां हुआ, लेकिन हिंदू पक्ष चाहता है कि वहां सिर्फ मंदिर रहे. शक नहीं कि भगवान राम का सम्मान होना चाहिए पर भारत (India) जैसे महान देश में अल्लाह का भी सम्मान है और इसी बुनियाद पर देश बना है. राजीव धवन ने कहा था कि हम राम का सम्मान करते हैं, जन्मस्थान का भी सम्मान करते हैं. इस देश में अगर राम और अल्लाह का सम्मान नहीं होगा, देश खत्म हो जाएगा.


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धवन ने कहा था कि विवाद तो राम के जन्मस्थान को लेकर है कि वह कहां है.रामलला विराजमान के नाम पर सूट दाखिल करने का मकसद निर्मोही अखाड़े से उसका सेवा का अधिकार (शेबैत) छीनकर, उसपर खुद का दावा और वहां नए सिरे से मंदिर बनाकर सबकुछ अपने कब्जे में लेना है. धवन ने कहा था कि पूरी विवादित जमीन जन्मस्थान नहीं हो सकती. जैसा कि हिंदू पक्ष दावा करते हैं. कुछ तो निश्चित स्थान होगा और पूरा क्षेत्र जन्मस्थान नहीं हो सकता. धवन ने हिन्दू पक्ष के गवाहों की गवाही को पढ़ते हुए बताया था कि दो तरह की परिक्रमा होती है पंच कोसी, चौदा कोसी परिक्रमा, पूरे अयोध्या की परिक्रमा होती थी और राम चबूतरा की भी परिक्रमा होती थी, धवन ने कहा था कि परिक्रमा के बारे में सभी गवाहों ने अलग अलग बात कही है कुछ ने कहा राम चबूतरे परिक्रमा होती थी, कुछ ने कहा कि दक्षिण में परिक्रमा होती थी.


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जस्टिस भूषण ने पूछा था कि मूर्ति के बिना भी कोई मन्दिर हो सकता है.धवन ने एक केस का ज़िक्र करते हुए कहा था कि शेबेट क्लेम कर रहे है और कह रहे हैं कि पहले मन्दिर नही था अगर मन्दिर नही था तो आप कैसे शेबेट हुए. धवन ने कहा कि औरंगज़ेब ने कई मंदिर बनवाए, शाहजहां के बाद वह बैंक करप्ट हो गए थे, उसने दो लड़ाइयां भी लड़ी थी, इस लिए उन्होंने जज़िया लागू किया, धवन ने कहा था कि मंदिर उस स्थान को कहते है जहां लोग भगवान की पूजा करते है.