अयोध्या में उतरेगा ‘त्रेता युग’, 5 लाख गांवों में राममूर्ति की बंटेंगी 10 करोड़ तस्वीरें..निमंत्रण देने निकले साधु-संत
Ram Mandir: अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक उत्सव मनाने की तैयारी शुरू हो गई है. अयोध्या में मानों त्रेता युग उतरने वाला है. उत्सव 16 जनवरी 2024 से शुरू होगा. इस दिन से वैदिक परंपरा के तहत मंदिर के गर्भगृह को सरयू के जल से शुद्ध किया जाएगा और देवताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा.
Ayodhya Ram Mandir: राम लला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे. यह नारा अब शायद साकार होने जा रहा है. 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के साथ ही रामलला अपने मूल स्थान पर लौट जाएंगे. रामभक्तों के लिए यह ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा जो 16 जनवरी से 22 मार्च तक चलेगा. इस कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के साथ ही 135 देशों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. आइए जानते हैं कि यह कार्यक्रम कैसे होगा और राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होनेवाली राम मूर्ति की 10 करोड़ तस्वीरें करीब 5 लाख गावों में घर-घर में बांटी जाएंगी. इसी निमंत्रण के साथ ही अयोध्या से साधु-संत गावों के लिए रवाना हो चुके हैं.
दरअसल, जानकारी के मुताबिक देश भर के लोगों को इस कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करने का काम सोमवार से शुरू हो गया है. राम मंदिर से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि हर प्रांत से आए प्रतिनिधियों को एक कलश में सवा 5 किलो अक्षत और हल्दी दी गई है. वे इनका उपयोग गांव-गांव जाकर लोगों को आमंत्रित करने के लिए करेंगे. करीब 5 लाख गांवों में लोगों को आमंत्रित किया जाएगा. राम मंदिर ट्रस्ट लोगों से आग्रह कर रहा है कि वे 22 जनवरी को अपने गांव और घर के मंदिर में लाइव टेलीकास्ट के साथ-साथ विशेष पूजा-अर्चना करें. उत्सव और दीपोत्सव मनाएं, इसके साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा के लिए देश-दुनिया के छह हजार मेहमानों की सूची बनाई जा रही है.
अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक उत्सव
16 जनवरी से शुरू होंगे वैदिक अनुष्ठान
अयोध्या में रामलला की प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक उत्सव 16 जनवरी 2024 से शुरू होगा. इस दिन से वैदिक परंपरा के तहत मंदिर के गर्भगृह को सरयू के जल से शुद्ध किया जाएगा और देवताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा.
17 जनवरी को होगा नगर भ्रमण
17 जनवरी को रामलला की तीन प्रतिमाओं में से एक, जो गर्भगृह में विराजित होगी, उसका नगर भ्रमण होगा. इस प्रतिमा की ऊंचाई 51 इंच है. रामलला के मौजूदा स्वरूप भी गर्भगृह में ही रहेंगे. बाकी दो मूर्तियों में से एक मूर्ति को उत्सव मूर्ति के रूप में रखा जाएगा.
23 जनवरी से श्रद्धालुओं के लिए दर्शन खुलेंगे
23 जनवरी से श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर सकेंगे. 26 जनवरी से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट बारी-बारी से राज्य सरकारों के जरिये देशभर के लोगों को भी बुलाएगा. दर्शन सुबह 6 से 12 और दोपहर 2 से शाम 6 बजे तक ही होंगे.
आस्था का महापर्व
रामलला की प्रतिष्ठा का उत्सव हिंदू धर्म के लिए एक महापर्व होगा. इस दिन देशभर के लाखों श्रद्धालु अयोध्या आएंगे और भगवान राम के दर्शन करेंगे. यह उत्सव शांति और सद्भाव का संदेश भी देगा. रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में उत्साह है. देशभर से लोग अयोध्या आकर रामलला के दर्शन करने की तैयारी में हैं. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भी दर्शन के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली हैं.
9-17 अप्रैल तक 9 दिवसीय राम जन्मोत्सव
इस उत्सव में दुनियाभर के 2000 कलाकार भाग लेंगे. हर मंदिर और घाट पर रामकथा और भजन-कीर्तन होंगे. भक्तों के ठहरने के लिए अयोध्या में घाटों और खाली जगहों पर टेंट सिटी बनाई जाएगी, जिसमें 5 लाख लोग रह सकेंगे. ऐसा लगेगा मानो त्रेता युग में आ गए हों. बताया जा रहा है कि भक्तों के ठहरने के लिए अयोध्या में घाटों और खाली जगहों पर टेंट सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 5 लाख लोग रुक सकेंगे. वहीं गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की मूर्ति की 10 करोड़ तस्वीरें रामनवमी पर प्रसाद के साथ देशभर में घर-घर बांटी जाएंगी.