Bageshwar Sarkar: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या ने उत्तर प्रदेश में खलबली मचा दी है. दोनों की हत्या के बाद जहां जगह-जगह धारा 144 लागू है, वहीं कई बड़े आयोजन भी स्थगित करने पड़े हैं. इस दौरान बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने भी बड़ा फैसला लेते हुए भक्तों को संदेश जारी किया है. उन्होंने वीडियो जारी कर कानपुर में होने वाली कथा के बारे में जरूरी संदेश दिया है.


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बाबा बागेशर ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से वीडियो रिलीज कर कहा है कि उत्तर प्रदेश में धारा 144 लागू है. जिसके चलते हर जगह कानून व्यवस्था के साथ जनता का भी सहयोग जरूरी है. उन्होंने कहा कि यूपी की वर्तमान स्थिति को देखते हुए व्यासपीठ और आचार्यों को भी विश्व कल्याण के हित में सोचने और विचार करने की जरूरत है.


प्रयागराज में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त माफिया अतीक और अशरफ अहमद की हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद से उत्तर प्रदेश में धारा 144 लगाई गई है. वर्तमान स्थिति में राज्य में कहीं भी भीड़ जुटाना कानून के खिलाफ होगा. अपने फैसले के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में धारा 144 लागू होने के चलते कानपुर में होने वाली 5 दिनों की हनुमंत कथा को स्थगित करना पड़ा है.


उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी भी तरह की धार्मिक सद्भावना बिगड़नी नहीं चाहिए और किसी की भाना को ठेस भी नहीं पहुंचनी चाहिए. जिसके चलते 17 अप्रैल से 21 अप्रैल तक पांच दिवसीय होने वाली श्री हनुमान कथा को कुछ दिनों के लिए टालना पड़ रहा है.



उधर, प्रयागराज की एक अदालत ने अतीक अहमद-अशरफ हत्याकांड के तीन आरोपियों को आज 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. रिमांड मजिस्ट्रेट ने प्रयागराज पुलिस द्वारा पेश किए जाने के बाद शूटर सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. याद दिला दें कि प्रयागराज के एक अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले जाते समय पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में बीती शनिवार रात करीब 10 बजे एक चौंकाने वाली घटना में अहमद भाइयों की गोली मारकर हत्या कर दी गई.


तीनों आरोपी पत्रकारों के रूप में मौके पर आए और मीडियाकर्मियों के सामने अहमद बंधुओं को पॉइंट-ब्लैंक से गोली मार दी और इस घटना को टेलीविजन चैनलों पर लाइव कैद कर लिया गया. यह घटना अतीक के बेटे असद के मुठभेड़ में मारे जाने के दो दिन बाद हुई.


कथित हमलावरों पर आईपीसी की धारा 302 के साथ-साथ आर्म्स एक्ट, 1959 की धारा 3, 7, 25 और 27 और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस बीच, यूपी सरकार ने सेवानिवृत्त इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरविंद कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में जांच आयोग अधिनियम 1952 के तहत मामले की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन भी किया है.


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(एजेंसी इनपुट के साथ)