Bakrid Controversy: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में एक बार फिर सोसायटी में बकरे (Goats) मिलने पर विवाद हुआ है. नथानी हाईट्स नाम की सोसायटी में 50 से 60 बकरों को पार्किंग एरिया में रखा गया था. इस सोसायटी में 202 परिवार रहते हैं जिसमें से 145 परिवार मुस्लिम हैं. ऐसे में बकरा ईद के लिए बकरों को लाया गया था. कुर्बानी के लिए सोसायटी के 140 से ज्यादा परिवारों की अनुमति भी ली गई थी. पर कुछ गैर-मुस्लिम, जैन समाज के लोगों ने आपत्ति जताई और पुलिस में शिकायत की. बिल्डिंग में रहने वाले जैन समाज के लोगों ने कहा कि बिना इजाजत के बिल्डिंग में बकरे रखने से उनकी भावनाएं आहत हुई हैं. इसे लेकर लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट में पिटीशन भी दर्ज करवाई.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

हटाए गए सोसायटी में रखे गए बकरे


इसके बाद 28 जून की शाम कोर्ट ने सोसाइटी में बकरों को बिना परमिशन रखने को गलत बताया. कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने बिल्डिंग में रखे बकरों को हटाया. फिलहाल बकरों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को बीएमसी को ये सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिया कि बकरीद के दौरान साउथ मुंबई की आवासीय कॉलोनी में पशुओं को अवैध तरीके से ना मारा जाए.


बिना लाइसेंस के हलाल की अनुमति नहीं


मामले की विशेष सुनवाई में जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस जितेंद्र जैन की बेंच ने कहा कि नैथानी हाइट्स सोसाइटी में जानवरों के हलाल की अनुमति सिर्फ तभी दी जा सकती है, जब नगर निकाय की तरफ लाइसेंस दिया गया हो.


BMC अधिकारियों को दिए ये निर्देश


हाईकोर्ट ने कहा कि अगर नगर निगम ने उस स्थान पर पशुओं को हलाल करने के लिए लाइसेंस जारी नहीं किया है, तो बीएमसी के अधिकारी पुलिसकर्मियों की मदद से जानवरों के हलाल को रोकने के लिए कानून के मुताबिक उचित कार्रवाई करेंगे. गौरतलब है कि बेंच सोसाइटी में रहने वाले हरेश जैन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें वहां जानवरों को मारे जाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की अपील की गई थी.