Agra: दिवाली से पहले आगरा के इन गांवों में होता है यह खतरनाक काम, अब तक कई लोग गंवा चुके हैं जान
UP News: दिवाली जैसे-जैसे करीब आती है वैसे-वैसे इन गांवों के ज्यादातर परिवार पटाखे बनाने के काम में लग जाते हैं. महंगाई के दौर में भी इन अवैध पटाखों की कीमत काफी कम होती है. इस खरतनाक काम की वजह से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
Agra News: आगरा के कई गांवों में दिवाली से कुछ दिन पहले पटाखे बनाने का काम शुरू हो जाता है. ये पटाखे अवैध रूप से बनाए जाते हैं लोग जान की परवाह किए बिना इन्हें बनाते हैं. धौर्रा और नगल खरगा गांव में देसी बम और पटाखे बनाने का काम तेजी से चल रहा है.
महंगाई के दौर में भी इन पटाखों की कीमत काफी कम होती है. दिवाली जैसे-जैसे करीब आती है वैसे-वैसे इन गांवों के ज्यादातर परिवार पटाखे बनाने के काम में लग जाते हैं. कुछ स्थानीय लोगों ने नाम ने बताने की शर्त पर बताया कि धौर्रा और नगला खरगा के देसी पटाखे खूब बिकते हैं.
अब कई लोग गंवा चुके हैं जान
इस खतरनाक काम की वजह से इन गांवों में कई हादसे हो चुके हैं. अलग-अलग हादसों में 35 लोगों की जान जा चुकी है.
-2003: जब्त पटाखों में एत्मादपुर थाने में हादसा. दो लोगों की मौत.
-2003: धौर्रा में बम बनाने के दौरान एक हादसा हुआ. एक शख्स की मौत.
-2004: धौर्रा से बम ले जाते समय जवाहर पुल पर धमाका हुआ. एक की मौत .
-2004: बम ले जाते समय टेंपो में विस्फोट हो गया. दो लोगों की मौत.
-2005: धौर्रा के गोदाम में धमाके हुआ. तीन की लोगों की मौत.
-2006: नगला खरगा में घर में बम बनाते समय हादसा. तीन की मौत.
-2007: नगला खरगा में घर के बाहर धमाका हुआ जिसमें पांच लोगों की मौत हुई.
-बताया जाता है कि इस तरह के करीब बीस हादसे हो चुके हैं.
प्रशासन ने की कार्रवाई
इस बीच प्रशासन ने अवैध पटाखे बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है. एडीएम प्रशासन अजय कुमार ने उपजिलाधिकारी अभय कुमार व प्रशिक्षु सीओ सैयद अरीब अहमद के साथ बुधवार शाम पटाखे बना रहे चार लोगों के यहां छापेमारी की और पटाखों को जब्त कर गोदाम सील कर दिए हैं.
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