कोलकाता: पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार और राज्‍यपाल के बीच तनातनी थमने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल ताजा विवाद गवर्नर जगदीप धनखड़ के विधानसभा जाने के फैसले को लेकर उत्‍पन्‍न हो गया है. दरअसल राज्‍यपाल ने ऐलान कर दिया था कि वह आज विधानसभा पहुचेंगे लेकिन राज्‍य सरकार की तरफ से उनको सूचित किया गया कि आज कोई वरिष्‍ठ पदाधिकारी नहीं होगा, इसलिए किसी अन्‍य दिन के कार्यक्रम का आग्र‍ह किया गया.


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इसके बावजूद राज्‍यपाल धनखड़ आज सुबह तकरीबन 10:30 बजे विधानसभा पहुंचे. लेकिन विधानसभा का गेट नंबर-1 बंद था. बाद में वह गेट नंबर-2 से अंदर गए. इस दौरान जगदीप धनखड़ ने कहा कि यहां आने का मेरा मकसद इस ऐतिहासिक इमारत और लाइब्रेरी को देखने का था. विधानसभा के सत्र में नहीं होने का मतलब ये नहीं कि विधानसभा बंद है. पूरा सचिवालय खुला है.


दरअसल सूत्रों के मुताबिक पहले ही गवर्नर को सूचित किया गया था कि राज्यपाल का स्वागत करने के लिए स्पीकर बिमान बंदोपाध्याय उपस्थित नहीं भी हो सकते हैं. सिर्फ स्पीकर ही नहीं, डिप्टी स्पीकर सुकुमार हांसदा, तृणमूल पार्टी से निर्मल घोष, तृणमूल के शिक्षा मंत्री पार्थो चट्टोपाध्याय और TMC के नेता तापस रॉय समेत कुछ अन्य मंत्री राज्‍यपाल के स्वागत के लिए उपस्थित नहीं रहेंगे. यानी अध्यक्ष, डिप्टी स्पीकर या अन्य कोई भी मंत्री विधानसभा में उपस्थित नहीं रहेंगे. सूत्रों के मुताबिक ऐसे में विधानसभा के सचिव के द्वारा जगदीप धनखड़ के स्‍वागत की बात कही गई थी.


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वैसे गुरुवार को दोपहर दो बजे बिज़नेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक होने वाली थी मगर जैसे ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ के आने की सूचना मिली तो इस बैठक को रद्द कर दिया गया. अब शुक्रवार सुबह 10 बजे विधानसभा अधिवेशन शुरू होने से पहले बिज़नेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक होगी.


ये भी कहा जा रहा है कि विधानसभा सचिवालय ने राज्यपाल से अनुरोध किया था कि चूंकि आज विधानसभा अधिवेशन नहीं है और किसी विशेष कारण के चलते अध्यक्ष महोदय उपस्थित नहीं रहेंगे. राजभवन सूत्रों के मुताबिक कल शाम को विधानसभा सचिवालय भवन से राजभवन के स्पेशल सेक्रेटरी के पास एक फोन गया और बताया गया कि आज किसी विशेष कारण के चलते अध्यक्ष उपस्थित नहीं रहेंगे और साथ ही आज विधानसभा अधिवेशन नहीं होगा और राज्यपाल से आज आने के बजाए किसी और दिन विधानसभा में आने के लिए आग्रह किया गया.


सूत्रों के मुताबिक इसके बाद राजभवन के स्पेशल सेक्रेटरी की तरफ से विधानसभा सचिवालय से लिखित में इस संबंध में चिट्ठी भी मांगी गई. लेकिन विधानसभा सचिव ने साफ कह दिया कि लिखित में चिट्ठी देना संभव नहीं है और केवल जानकारी देने के लिए उन्होंने राजभवन को सूचित किया. इसको सुनते ही राजभवन ने भी साफ़ कर दिया कि राज्यपाल के विधानसभा कार्यक्रम को रद्द करना भी संभव नहीं होगा और राज्यपाल आज विधानसभा अवश्य जायेंगे.


ऐसे में ये कहना लाजिमी है कि पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनकड़ और पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार के बीच तू-तू,मैं-मैं जगज़ाहिर है और न ही कोई आपस के इस झगड़े को सुलझाने की कोशिश कर रहा है.