Bengaluru Cafe Blast: बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट के मामले में दो आरोपियों को शनिवार को एनआईए की विशेष अदालत ने 10 दिन की हिरासत में भेज दिया. मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मथीन अहमद ताहा को एनआईए की विशेष अदालत के न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया. आरोपियों को एक मार्च को रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट में उनकी कथित भूमिका के लिए 'ट्रांजिट रिमांड' पर कोलकाता से राज्य की राजधानी लाया गया था, जिसमें 10 लोग घायल हो गए थे. इसी बीच आरोपियों की सारी करतूत सामने आई है कि कैसे उन्होंने फिल्मी स्टाइल में दिया पुलिस को चकमा दिया और फेक आईडी के साथ नाम बदलकर घूमते रहे और ऑनलाइन की बजाय कैश में भुगतान करते रहे.


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असल में एनआईए के मुताबिक शाजिब ने कैफे में विस्फोटक उपकरण यानि कि आईईडी रखा था और ताहा इसका मास्टरमाइंड था. पिछले महीने एनआईए ने इन दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वालों को 10-10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी.


रिमांड मिलने के बाद एनआईए..
एनआईए ने शनिवार को मुसाविर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन ताहा को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया. रिमांड मिलने के बाद एनआईए दोनों को अज्ञात स्थान पर ले गई. लेकिन उन्होंने जिस तरीके से ये सब किया वो ध्यान देने वाली बात है. आरोपी ने अपने नाम भी बदले. उन्होंने संजय अग्रवाल, उदय दास, यशु पटेल और विग्नेश जैसे नामों का इस्तेमाल करते हुुए ठिकाना बदलते रहे.


फिल्मी स्टाइल में दिया पुलिस को चकमा दिया..
इतना ही नहीं वे पश्चिम बंगाल के कोलकाता और मेदिनीपुर शहरों के होटलों में रुके और होटल कर्मचारियों को बताया कि वे झारखंड और त्रिपुरा से हैं. सीसीटीवी फुटेज में आरोपी को कोलकाता के एकबालपुर इलाके में ड्रीम गेस्ट हाउस में चेकिंग करते हुए दिखाया गया है. वे 25 मार्च को होटल पहुंचे और 28 मार्च को फर्जी पहचान के तहत ठहरकर चेकआउट किया. सूत्रों ने बताया कि यह उनके पूर्वी मिदनापुर जिले की ओर जाने से पहले की बात है. एजेंसियों की गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने कर्नाटक छोड़ते समय बार-बार अपना पता बदला. 


फेक आईडी, कैश में भुगतान..
अंततः पकड़े जाने से पहले उन्होंने विभिन्न राज्यों में कई छोटे होटलों में जाँच की. अधिकांश स्थानों पर, कागजी निशान छोड़ने से बचने के लिए उन्होंने नकद भुगतान किया. मास्टरमाइंड ताहा शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली शहर का रहने वाला है और उसका संबंध आईएसआईएस से है. उसने डार्क नेट पर बम बनाना सीखा था. उसने नवंबर 2022 में मंगलुरु कुकर बम विस्फोट और इस साल 1 मार्च को रामेश्वरम कैफे विस्फोट घटना की भी साजिश रची थी. ट्रायल ब्लास्ट भी शिवमोग्गा में तुंगभद्रा नदी के तट पर किया गया था. ताहा ने क्रिप्टो करेंसी के जरिए पैसों का लेन-देन किया था.


परिवार वाले अज्ञात स्थानों पर..
उधर ताहा और मुसाविर के परिवार वाले अपने घरों में ताला लगाकर अज्ञात स्थानों पर चले गए हैं. ताहा के पिता एक पूर्व सैनिक हैं और उसकी गतिविधियों के विरोधी हैं. सूत्रों ने यह भी बताया कि ताहा और मुसाविर बचपन के दोस्त हैं. फिलहाल संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता है. इनका संबंध अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से है और उन्होंने देश के भीतर बम तैयार किए और स्थानीय युवाओं की मदद से विस्फोट किए.


एनआईए सूत्रों ने बताया कि वह संदिग्ध आतंकवादियों और उनके स्थानीय नेटवर्क के बीच पैसे के लेनदेन की भी जांच करेगी, आखिर इनको फंडिंग किसने की थी. एक महीने से अधिक समय तक पीछा करने के बाद, एनआईए ने शुक्रवार को मुसाविर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन ताहा को कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया. सूत्र बताते हैं कि दोनों बांग्लादेश भागने की फिराक में थे. Agency Input