भीमा कोरेगांव हिंसा मामला विदेशी मीडिया में छाया, चीन से लेकर खाड़ी देश तक चर्चा गरम
अल जजीरा ने कहा है कि सरकार ने अपने विरोधियों के खिलाफ बड़ी कारवाई की है.
नई दिल्ली: जब भी कोई विवादास्पद मुद्दा भारत में तेज होता है, उसकी धमक विदेशी मीडिया में भी देखने को मिलती है. भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में मंगलवार को पांच कार्यकर्ताओं को इसलिए गिरफ्तार कर लिया गया क्योंकि उन पर माओवादियों के साथ संबंध होने के आरोप लगे हैं. बुधवार को मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. इस खबर को विदेशी मीडिया में भी खास जगह मिली है. एक नजर इन्हीं सुर्खियों पर डालते हैं.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट: पड़ोसी देश चीन की न्यूज वेबसाइट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तारी पर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के बयान को काफी महत्व दिया है. कांग्रेस के बयान को छापते हुए साउथ चाइना पोस्ट लिख रहा है कि मोदी सरकार अपने विरोधियों को जेल में डालने का काम कर रही है. साथ ही वेबसाइट ने पुलिस के उस बयान को भी जगह दी है जहां यह कहा गया है वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और गृह मंत्री राजनाथ सिंह की हत्या के षड्यंत्र से संबंधित पत्रों की लेन-देन की गई है. इसी को देखते हुए ये गिरफ्तारियां की गई है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन: पाकिस्तान के अखबार डॉन ने भारत में हुई कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की खबर में वामपंथी विचारधारा वाली लेखिका अरुंधति रॉय के बयान को खास तवज्जो दिया है. अरुंधति के बयान के हवाले से अखबार ने लिखा है कि इस गिरफ्तारी में संविधान को भूलकर कार्रवाई की गई है. अपने पहले पन्ने पन्ने पर अखबार ने लिखा है कि भारत ने अपराधियों को नहीं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है. वहीं डॉन ने इस घटना को भारत में अघोषित इमरजेंसी से जोड़ दिया है.
अल जजीरा: खाड़ी देशों में प्रमुख मीडिया नेटवर्क अल जजीरा ने लिखा है कि भारतीय पुलिस ने वामपंथी विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं को प्रतिबंधित माओवादी संगठन से संबंधों के चलते गिरफ्तार किया गया है. इन गिरफ्तारियों का विरोध पूरे देश में देखने को मिल रहा है, वहीं कई अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने गिरफ्तारी की निंदा की है. आगे लिखा है कि सरकार ने अपने विरोधियों के खिलाफ बड़ी कारवाई की है.
बीबीसी: ब्रिटेन के मीडिया हाउस बीबीसी जो पूरी दुनिया में अपना नेटवर्क खड़ा कर रखा है, ने भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हुई पुलिस की गिरफ्तारी की खबर में जातीय हिंसा को प्रमुखता के साथ छापा है. ये गिरफ्तारी बीते साल महाराष्ट्र में हुई जातीय हिंसा की जांच के चलते हुई है. इस जातीय हिंसा में अहम भूमिका निभाने के संदेह में कुछ वामपंथी वकील और प्रोफेसर की गिरफ्तारी की गई है.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में हुई पांच गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक गलियारों में मुद्दा गरमा गया है. गिरफ्तार किए गए कुछ संदिग्धो को बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में पेश किया गया. कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर हमला बोलते हुए तंज कसा है ‘वेलकम न्यू इंडिया’. कांग्रेस अध्यक्ष के तंज पर केन्द्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने पलटवार करते हुए याद दिलाया है कि खुद कांग्रेस के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2009 में कहा था कि देश में नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है.