Barkatullah University controversial order: भोपाल की बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी में एक नया विवाद सामने आया है. होस्टल में रहने वाली हिंदू छात्राओं का आरोप है कि वॉर्डन ने मंदिर जाने के लिए पहले उनसे अनुमति लेने का निर्देश दिया है. छात्राओं के अनुसार, किसी भी धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए पहले लिखित परमिशन लेनी होगी, खासकर मंदिर जाने के लिए. इस मुद्दे ने छात्राओं में नाराजगी पैदा कर दी है.


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छात्राओं के आरोप और यूनिवर्सिटी का जवाब


जब ज़ी न्यूज़ की टीम ने बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी की छात्राओं से बातचीत की, तो उन्होंने मंदिर जाने पर रोक और धमकियों की बात कही. छात्राओं का सवाल है कि बाजार जाने पर अनुमति की जरूरत नहीं होती, तो फिर मंदिर जाने पर क्यों? उनका आरोप है कि केवल हिंदू छात्राओं के लिए ये शर्त लगाई गई है, जबकि सभी धर्मों के छात्रों पर समान नियम लागू नहीं किया गया है.


कैंपस के अंदर मंदिर पर विवाद


यह मामला इसलिए भी विवादित है क्योंकि जिस मंदिर को लेकर विवाद उठा है, वह यूनिवर्सिटी कैंपस के अंदर ही स्थित है. छात्राओं को मंदिर जाने के लिए कैंपस के बाहर नहीं जाना पड़ता, फिर भी लिखित अनुमति की आवश्यकता क्यों रखी गई है, यह सवाल सभी को खटक रहा है. यूनिवर्सिटी परिसर में ही मंदिर के पास स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय है, जिससे यह मंदिर आसानी से सुलभ है.


वाइस चांसलर का जांच का आश्वासन


इस विवाद पर जब यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर सुरेश कुमार जैन से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और अगर गलती पाई गई, तो कार्रवाई होगी. वाइस चांसलर का यह बयान छात्राओं की आस्था को ठेस पहुंचाने के मामले में काफी सतर्कता से दिया गया, लेकिन छात्राओं का कहना है कि यह धार्मिक आस्था का मामला है, और इस पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए.


बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी पर पिछले विवाद


बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी में यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का विवाद सामने आया है. हाल ही में नवरात्रि के दौरान दुर्गा उत्सव मनाने के लिए फीस भरने का आदेश जारी किया गया था. साथ ही, शहीद भगत सिंह की जयंती पर भी यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों को अनुमति नहीं दी थी, जिससे नाराजगी बढ़ गई थी और छात्रों को प्रदर्शन करना पड़ा था.


यूनिवर्सिटी की प्रतिष्ठा पर उठते सवाल


बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी कभी भोपाल की पहचान मानी जाती थी, लेकिन हाल के विवादों के चलते अब इसका नाम विवादों से भी जुड़ गया है. मंदिर जाने पर अनुमति का विवाद हो या दुर्गा उत्सव और भगत सिंह जयंती पर रोक, इन घटनाओं ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं.