भोपाल में एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप में पुलिस की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है. जब पीड़िता पिता के साथ अपने साथ हुए जुल्म की रिपोर्ट लिखवाने पुलिस के पास पहुंची तो न केवल पुलिस ने दूसरे थाने का मामला कहकर उन्हें वहां से टरका दिया बल्कि पीड़िता की आपबीती को उन्होंने फिल्मी कहानी बता दिया. पुलिस ने इतनी लापरवाही उस समय दिखाई जब पीड़िता के पिता खुद रेलवे पुलिस में हैं. इतना ही नहीं पुलिस से कोई मदद मिलती न देख पीड़िता ने खुद ही हिम्मत दिखाकर माता-पिता के साथ उन चार दरिंदों में से एक को खोजकर पुलिस के हवाले कर दिया. इस मामले पर राजनीति गर्माने और शासन के सख्त होने पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक अन्य की तलाश जारी है. उधर, मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में सिटी एसपी, तीन इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. 


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सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को संज्ञान में लेते हुए दोषियों को सख्त और तुरंत सजा दिलवाने के लिए मामले की सुनवाई को फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपने का ऐलान किया है. उधर, गैंगरेप की इस घटना को लेकर मध्य प्रदेश की सियासत भी गर्माने लगी है. घटना से नाराज कांग्रेसियों ने हबीबगंज स्टेशन के जीआरपी थाने के बाहर काली पट्टियां बांधकर प्रदर्शन किया. गुस्साए कांग्रेसियों ने प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह से इस्तीफे की मांग की है.


गैंगरेप मामले में रोंगटे खड़े कर देने वाली और जानकारी सामने आई


बता दें कि हबीबगंज इलाके में रेलवे लाइन के पास कोचिंग क्लास से लौट रही 19 वर्षीय छात्रा को चार बदमाशों ने पहले अगवा किया और बाद में रेलवे लाइन की पुलिया के नीचे ले जाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया. पीड़िता बीएससी की छात्रा है और सिविल सर्विस परीक्षा की कोचिंग ले रही है. कोचिंग लेने के बाद शाम करीब सात बजे वह घर वापस आ रही थी तभी उसके साथ यह हादसा हुआ. ख़ास बात ये है कि घटना स्थल हबीबगज जीआरपी थाने से महज 100 मीटर की दूरी पर है. 


जानकारी के मुताबिक, चारों बदमाशों ने तीन घंटे तक छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया. इतना ही नहीं इस बीच वे गुटखा और तंबाकू खाने भी खाते रहे. हवस मिटाने के बाद आरोपियों ने गला दबाकर छात्रा को मारने की कोशिश भी की. छात्रा के बेहोश होने के बाद वे उसे मरा समझकर वहां से फरार हो गए. होश आने के बाद किसी तरह छात्रा रात दस बजे घर पहुंची और उसके साथ हुई घटना के बारे में बताया. पीड़िता के पिता रेलवे पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं.



 


रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए भटकते रहे: परिजनों का आरोप है कि अपनी बेटी के साथ हुए हादसे की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए परिजन पुलिस थाने गए, लेकिन घटना स्थल दूसरे थाने में होने की बात कहकर उन्हें वहां से भेज दिया गया. अगली सुबह पीड़िता अपने मां-बाप के साथ एमपी नगर थाने पहुंची. वहां उनकी मुलाकात सब इंस्पेक्टर आरएन टेकाम से हुई. टेकाम ने मामला हबीबगंज थाने का बताते हुए उन्हें वहां से चलता कर दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने लड़की के साथ हुए दुष्कर्म को फिल्मी कहानी तक बता डाला. 


पीड़िता ने खुद ही पकड़ा आरोपी: जानकारी के मुताबिक जब पीड़िता अपने परिजनों के साथ हबीबगंज थाने जा रही थी, तो वह रास्ते में घटनास्थल पर रुकी. वहां झुग्गी-झोपड़ियों में उसे एक आरोपी दिखाई दिया. पीड़िता ने यह बात अपने पिता को बताई और तीनों ने मिलकर आरोपी को धर-दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया. 


उधर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रदेश के आलाकमान को पत्र लिखकर लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.