Bhupendra Patel ने ली Gujarat के CM पद की शपथ, 2 दिन बाद होगा नए मंत्रिमंडल का गठन
Gujarat CM Oath Ceremony: माना जा रहा है कि पाटीदार समुदाय को रिझाने के लिए बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को गुजरात का सीएम बनाया है. पटेल समुदाय का 70 से ज्यादा सीटों पर प्रभाव है.
गांधीनगर: भूपेंद्र पटेल (Bhupendra Patel) ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद (Gujarat CM Oath Ceremony) की शपथ ली. शपथ ग्रहण का कार्यक्रम गांधीनगर में स्थित राजभवन में हुआ. राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भूपेंद्र पटेल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. रविवार को भूपेंद्र पटेल को बीजेपी की विधायक दल की बैठक में नेता चुना गया था. दो दिन बाद नई सरकार के मंत्रिमंडल का गठन होगा.
गांधीनगर में हुआ सीएम का शपथ ग्रहण समारोह
बता दें कि भूपेंद्र पटेल के शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भी शामिल हुए. वो आज ही गांधीनगर पहुंचे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसके अलावा बीजेपी के कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल हुए.
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सीएम भूपेंद्र पटेल ने कही ये बात
रविवार को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि मैं सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का आभार जताता हूं. उन्होंने मेरे ऊपर विश्वास दिखाया है इसलिए हम गुजरात के विकास कार्य को सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ाएंगे. संगठन को साथ लेकर आगे बढ़ना है. विकास कार्य को सभी के साथ मिलकर आगे बढ़ाएंगे.
5 साल बाद पाटीदार समुदाय से बना सीएम
गौरतलब है कि बीजेपी ने 5 साल बाद किसी पाटीदार को दोबारा राज्य की कमान सौंपी है. मोदी-शाह ने बड़ी सोची-समझी रणनीति के तहत ये कदम उठाया है. इसके जरिए पार्टी पिछले कुछ समय से नाराज पाटीदार समुदाय को खुश करना चाहती है.
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जान लें कि गुजरात में पाटीदार समुदाय धन-बल दोनों से बेहद ताकतवर है. बीजेपी के दो दशकों से जारी विजय अभियान में इस समुदाय की बड़ी भूमिका है. 2016 में आनंदीबेन पटेल ने इस्तीफा दिया था, वो इसी समुदाय से आती हैं. भूपेंद्र पटेल के हाथों में राज्य का नेतृत्व देकर बीजेपी के आलाकमान ने पाटीदार कार्ड खेला है.
पाटीदार समुदाय की ताकत को इस बात से समझा जा सकता है कि ये राज्य में 70 से ज्यादा चुनावी सीटों का रुख बदल सकते हैं. 2022 में राज्य में चुनाव से पहले बीजेपी ने इसके जरिए पाटीदार समुदाय को रिझाने की कवायद में बड़ा कदम उठाया है.
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