Lalu Yadav: आदर्श आचार संहिता मामले में आरोपी लालू प्रसाद यादव को आज हाजीपुर कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. यह राहत उन्हें साल 2015 के एक केस में मिली है. 2015 में विधानसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता उल्लंघन मामले में लालू प्रसाद यादव को बरी किया गया है. कोर्ट ने कहा है कि उनके खिलाफ कोई ऐसा सबूत नहीं मिला है, इस वजह से उन्हें बरी किया जाता है. 


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आचार संहिता के दौरान कही थी ये बात


2015 में आचार संहिता लगने के बाद एक चुनावी सभा के दौरान लालू प्रसाद यादव ने खुले मंच से बैकवर्ड फॉरवर्ड की लड़ाई की बात कही थी. इसी को आपत्तिजनक मानते हुए चुनाव आयोग के निर्देश पर तत्कालीन सीओ निरंजन कुमार सिंह ने उनके बयान पर गंगा ब्रिज थाने में मामला दर्ज किया था. इस मामले के कुल 5 गवाह हैं जिनमें सुनवाई से पहले ही दो गवाह का निधन हो गया था. 


लालू के खिलाफ नहीं मिले पुख्ता सबूत


वहीं अन्य तीनों गवाह ने अपनी गवाही देते हुए पूरी बात कोर्ट को बताई थी. कोर्ट में उस दौरान चुनाव आयोग द्वारा रिकॉर्ड कराए गए वीडियो एविडेंस को भी पेश किया गया. सबूतों के सत्यापन नहीं होने पर कोर्ट ने आज लालू प्रसाद यादव को रिहा कर दिया.


पहले भी लग चुके हैं ऐसे आरोप


बता दें कि इससे पहले भी साल 2009 में चुनाव के दौरान लालू यादव पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था. दरअसल झारखंड विधानसभा चुनाव 2009 के दौरान गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी प्रत्याशी गिरिनाथ सिंह के प्रचार में लालू प्रसाद यादव हेलिकॉप्टर से पहुंचे थे. गढ़वा के गोविंद उच्च विद्यालय में लालू की सभा होनी थी. हेलिकॉप्टर को लैंड करने के लिए गढ़वा प्रखंड के कल्याणपुर में हेलीपैड निर्धारित था. इसके लिए प्रशासन ने अनुमति दी थी. लेकिन हेलीकॉप्टर निर्धारित हेलीपैड पर लैंड कराने की बजाय गोविंद उच्च विद्यालय के मैदान में बने सभा स्थल पर उतरा गया. इससे अफरातफरी मच गई थी. उस मामले में तब लालू यादव पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगा था.



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