बिहार में महागठबंधन ने जारी किया संकल्प पत्र, 10 लाख नौजवानों को रोजगार देने का वादा
महागठबंधन ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर जारी किये अपने संकल्प पत्र में कई वादे किये हैं, जिसमें सबसे प्रमुख है 10 लाख सरकारी नौकरियां देना. इस चुनाव में DNA का मुद्दा भी खूब जोर पकड़ रहा है.
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2020) को लेकर महागठबंधन ने अपना संकल्प पत्र जारी कर दिया है. संकल्प पत्र में 10 लाख नौकरियों का वादा किया गया है. इस मौके पर राजद नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि यदि हमारी सरकार बनती है, तो पहला फैसला 10 लाख बेरोजगारों को पक्की सरकारी नौकरी देने का होगा.
DNA का मतलब भूल गए
महागठबंधन के संकल्प पत्र को जारी करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Randeep Surjewala) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और भाजपा (BJP) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ये वही भाजपा है, जिसने बिहार के DNA पर सवाल उठाया था. अब नीतीश कुमार जी डीएनए का मतलब भूल गए हैं, ये लोग कलम के भी बेईमान है. उन्होंने आगे कहा कि जब दो षड्यंत्रकारी साथ आते हैं, तो षड्यंत्र होगा ही.
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मैं ठेठ बिहारी हूं
आज से ठीक 11 दिन बाद यानी 28 अक्टूबर को बिहार में पहले दौर का चुनाव होना है, लेकिन उससे पहले बिहार के स्वाभिमान पर राजनीति कितना असर डालेगी ये देखना दिलचस्प होगा. वहीं, तेजस्वी यादव ने भी DNA को लेकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, ‘मैं ठेठ बिहारी हूं तथा मेरा डीएनए पूरी तरह शुद्ध है. मैं जो वादा करता हूं उसे पूरा कर दिखाउंगा’.
क्या है DNA विवाद?
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उनके डीएनए पर सवाल खड़े किए थे. जिस पर नीतीश कुमार ने कड़ा विरोध जताया था. उन्होंने एक वेबसाइट बनाकर पीएम मोदी को खुला खत लिखा था और कहा था कि मोदी को अपने शब्द वापस लेने होंगे. लेकिन आज स्थिति अलग है, बिहार में NDA का गठबंधन है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में भाजपा चुनाव लड़ रही है. इसलिए डीएनए का मुद्दा एक बार फिर से तूल पकड़ रहा है.
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