पटना: बिहार विधान सभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Elections) के रुझानों ने एक बार साबित कर दिया है कि बिहार के मतदाताओं को विकास के 'डबल इंजन' पर भरोसा है. एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का विकास मॉडल, तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के सुशासन पर जनता ने आंख बंद कर अपना वोट दिया.


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एनडीए को पूर्ण बहुमत, महागठबंधन की तगड़ी चुनौती
चुनाव आयोग ने सभी 243 सीटों पर नतीजों को ऐलान कर दिया है. जिसमें एनडीए (National Democratic Alliance) को पूर्ण बहुमत मिला है, तो महागठबंधन (Bihar Mahagathbandhan) थोड़े अंतर से पीछे रह गया. सबसे ज्यादा सीटें आरजेडी(75) को मिली तो बीजेपी(74) दूसरे नंबर पर रही. अब हम आपको 10 प्वॉइंट्स में बताते हैं 10 बड़ी बातें.


  1. मतों की गिनती लगभग सुबह 4 बजे तक चली. कई सीटों पर नतीजे बेहद कम अंतर से जीत हार में बदले.

  2. ओवैसी की पार्टी ने 20 सीट पर चुनाव लड़ा और 5 पर जीत दर्ज की. वहीं, चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी को 143 सीटों में सिर्फ 1 सीट पर जीत मिली.

  3. चुनाव में 75 सीटें जीतकर RJD सबसे बड़ी पार्टी बनी. वहीं, 74 सीटें जीतकर बीजेपी दूसरे नंबर पर रही.

  4. चुनाव में NDA गठबंधन को कुल 125 सीटें मिली, तो महागठबंधन को 110 सीटों पर जीत मिली. अन्य को 8 सीटों पर जीत मिली.

  5. आज दिल्ली के बीजेपी मुख्यालय में शाम को जश्न मनाया जा सकता है. इसमें PM मोदी भी शामिल हो सकते हैं.

  6. नीतीश कुमार सातवीं बार मुख्यमंत्री बनेंगे. बीजेपी ने कहा है कि गठबंधन की तरफ से नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे.

  7. आज एनडीए की बैठक हो सकती है. वहीं एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं.

  8. बिहार सरकार के नौ मंत्री चुनाव में हार गए. जिसमें जेडीयू के 7 मंत्री और बीजेपी के दो मंत्री चुनाव हारे. जेडीयू के शैलेश कुमार, खुर्शीद आलम, कृष्णनंदन वर्मा, जय कुमार सिंह, लक्ष्मेश्वर राय, रामसेवक सिंह और संतोष निराला को हार मिली, तो बीजेपी के सुरेश कुमार शर्मा और बृज किशोर बिंद को हार मिली.

  9. इस चुनाव में सीपीआई(एमएल) ने 12 सीटें जीती. ये पार्टी का अबतक का सबसे बेहतर प्रदर्शन रहा. वहीं, दो अन्य वामदलों को दो-दो सीटें मिलीं. इस तरह से लेफ्ट पार्टियों ने 16 सीटें जीती.

  10. कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद लचर रहा. कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 पर ही जीत मिली. माना जा रहा है कि महागठबंधन के सत्ता से दूर रह जाने की एक वजह कांग्रेस का खराब प्रदर्शन भी रहा.