रांची: झारखंड में विधानसभा सत्र के पहले दिन संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने आय-व्यय की विवरणी रखी. इसके बाद 3908 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया गया. इससे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी. सत्र आरंभ होने से पहले सदन ने दिवंगत नेताओं और शहीदों को याद किया. इस दौरान उपस्थित सदस्यों ने दो मिनट का मौन रखा. अनुपूरक बजट पेश होने के बाद सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई. दूसरी ओर, झारखंड विधानसभा परिसर में सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस के विधायकों ने झारखंड को सूखाग्रस्‍त घोषित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.


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विपक्ष ने सुखाड़ को लेकर सदन के बाहर किया प्रदर्शन
लोहरदगा के विधायक सुखदेव भगत समेत कई विधायक विधानसभा सत्र के पहले दिन सत्र शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में झारखंड को सूखाग्रस्त घोषित कर अविलंब राहत कार्य चलाने के लिए प्रदर्शन किया. विधायक ने कहा कि झारखंड में वर्षा नहीं होने के कारण किसानों के सामने भूखों मरने की स्थिति उत्पन्न हो गई है. वहीं, जेएमएम विधायक रविन्द्र महतो ने कहा कि सरकार सोई हुई है. बारिश नही होने के कारण किसानों की स्थिति बेहद गंभीर हो चुकी है इसलिए सरकार जल्द कोई उचित कदम उठाए.


सत्ता पक्ष ने कहा- औसत से कम हुई है बारिश, लेकिन अभी वक्त है
झारखंड सरकार के समाज कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने विपक्ष के द्वारा किसानों की समस्या को लेकर सूखा घोषित करने पर कहा कि प्रदेश में बारिश में जरूर कमी आई है. जिस औसत में बारिश होनी चाहिए थी, उसमें कमी हुई है और कई इलाकों में तो नहीं के बराबर में बारिश हुई है. राज्य में जो सूखा की स्थिति है, सरकार के संज्ञान में है. विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है और सभी जिला के अधिकारी अपनी रिपोर्ट भेजेंगे. उसके बाद एक्शन जरूर लिया जाएगा. हालांकि मंत्री ने यह भी कहा कि अभी बरसात का पूरा समय समाप्त नहीं हुआ है तो, अभी हम लोग उम्मीद कर सकते हैं कि बारिश हो सकती है.


हालांकि विधानसभा का मानसून सत्र सही रूप से चल पाता है या नही ये तो कल से सत्ता पक्ष और विपक्ष से सदन के अंदर के रुख से पता चल पाएगा. फिलहाल विपक्ष के तेवर से लग रहा है सूखा और कई विषयों को लेकर सदन में वह राज्य सरकार को घेरेगी और हंगामा होगा.