Begusarai Lok Sabha Seat: भाजपा ने बेगूसराय में हैट्रिक लगाने के लिए पूरा जोर लगा दिया है. चुनाव की घोषणा से पहले ही बेगूसराय में पीएम मोदी ने वहां बड़ी रैली की थी और हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्यों का शिलान्यास किया था. भाजपा ने इस बार भी गिरिराज सिंह को ही बेगूसराय से उतारा है. गिरिराज सिंह के सामने इस बार 2019 की तुलना में चुनौती थोड़ी बड़ी है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि 2019 में बेगूसराय में त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था तो इस बार द्विपक्षीय मुकाबला हो सकता है. मतलब यह कि 2019 में गिरिराज सिंह के सामने राजद और वामपंथी उम्मीदवार अलग अलग लड़ रहे थे तो इस बार गिरिराज सिंह के मुकाबले विपक्ष से एक ही उम्मीदवार अवधेश राय मैदान में हैं. यहां यह बता देना जरूरी हो जाता है कि 2014 और 2019 में भाजपा यहां से 2 बार जीत चुकी है और 2024 में जीतने पर उसकी हैट्रिक हो सकती है. 


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2014 में भाजपा की ओर से भोला सिंह ने पहली बार बेगूसराय में कमल खिलाया था. 2019 में गिरिराज सिंह ने भाकपा के कन्हैया कुमार को हराया था. गिरिराज सिंह को 6,92,193  तो कांग्रेस के कन्हैया कुमार को 2,06,976 वोट ही मिल पाए थे. दूसरी ओर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे भाकपा के तनवीर हसन 1,98,233 वोट पाकर तीसरे नंबर पर रहे थे. अगर 2019 को आधार मानें तो गिरिराज सिंह को वैसे कोई खतरा नजर नहीं आता है. गिरिराज सिंह को मिले 6,92,193 वोटों के मुकाबले राजद और भाकपा के वोटों को जोड़ दिया जाए तो यह 4,05,209 होता है. फिर भी गिरिराज सिंह 286,984 के बड़े अंतर से चुनाव जीत गए थे. इस तरह आंकड़ों के आधार पर गिरिराज सिंह के लिए वैसे तो कोई खतरा नहीं है. 


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इस बार महागठबंधन से एक ही उम्मीदवार मैदान में है. भाकपा से अवधेश राय बेगूसराय से ताल ठोक रहे हैं. कन्हैया कुमार के लिए कांग्रेस ने बेगूसराय सीट के लिए काफी मशक्कत की पर असफल रही और लालू प्रसाद यादव के आगे उसकी एक न चली. इसलिए गिरिराज सिंह के लिए मुकाबला कड़ा बताया जा रहा है. इस बार राजद, कांग्रेस और वाम दल एक साथ हैं और भाजपा को द्विपक्षीय लड़ाई ही बेगूसराय में लड़नी पड़ रही है. बेगूसराय के राजनीतिक इतिहास में अब तक कांग्रेस के प्रत्याशी सबसे अधिक जीत चुके हैं. इस सीट से कांग्रेस को वाम दलों से कड़ी टक्कर मिलती रही है फिर भी भाजपा नेताओं का मत है कि वह बेगूसराय में हैट्रिक बनाने जा रही है.