बिहार में रेल ठहराव को लेकर उग्र लोगों ने लॉक किया सिग्नल रूम, रेल परिचालन ठप होने से यात्री परेशान
Lakhisarai News: बड़हिया स्टेशन पर अधिकांश ट्रेनों का ठहराव नहीं होने की वजह से स्थानीय लोगों ने लगातार चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है.
Lakhisarai: लखीसराय के बड़हिया सिग्नल रूम (Barhiya Signal Room) को लोगों ने लॉक कर दिया. इसकी वजह से कई ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया और लोग स्टेशन परिसर में बैठ गए. यही नहीं लोगों ने स्टेशन पर तालाबंदी कर दी. हावड़ा-पटना मेन रेलवे लाइन (Howrah-Patna Main Railway Line) के बड़हिया स्टेशन पर कोरोना काल में अधिकांश ट्रेनों रुकना बंद हो गया है.
स्टेशन पर अधिकांश ट्रेनों का ठहराव नहीं होने की वजह से स्थानीय लोगों ने लगातार चरणबद्ध आंदोलन शुरू किया है. रविवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत रेल संघर्ष समिति के बैनर तले धरना शुरू किया गया है. बड़हिया रेलवे स्टेशन परिसर में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान ग्रामीण बड़हिया रेलवे स्टेशन के पैनल के नीचे पहुंच गए तथा स्टेशन मास्टर कौशल किशोर को पैनल बंद कर देने को कहा.
इसके बाद स्टेशन मास्टर ने पैनल को बंद कर इसकी सूचना तत्काल रेल मुख्यालय दानापुर को दे दी. पैनल बंद हो जाने से पटना-हावड़ा मुख्य लाइन पर लगभग साढ़े ग्यारह बजे से अप एवं डाउन लाइन पर परिचालन ठप हो गया है. रेल परिचालन ठप हो जाने से बड़हिया डाउन लाइन के आउटर सिग्नल पर एक मालगाड़ी रुक गई. वहीं, रामपुर डुमरा में पटना झाझा मेमू पैसेंजर्स खड़ी है. किऊल में विक्रमशिला सुरफास्ट ट्रेन खड़ी है. लखीसराय, मनकट्ठा एवं किऊल स्टेशन पर भी ट्रेनें खड़ी है.
बता दें कि बड़हिया में कोरोना से पहले 22 जोड़ी ट्रेनें रुकती थी. कोरोना काल में लॉक डाउन के बाद जब स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ तो यहां से अधिकांश ट्रेनों का परिचालन हटा लिया गया है. पहले यहां 22 जोड़ी ट्रेनें रुकती थी वहीं अभी मात्र 9 जोड़ी ट्रेनें रुक रही है. अभी हाल में धनबाद-पटना एक्सप्रेस का परिचालन शुरू हुआ है. इस ट्रेन का धनबाद से पटना के बीच में मात्र बड़हिया से ही ठहराव हटाया गया है. इस कारण लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है.
बड़हिया का मुख्य बाजार पटना है. लोग वहां डेली पैसेंजर के रूप में जाते और आते हैं. मेमू का परिचालन अभी पूर्ण तरीके से हो नहीं रहा है. अधिकांश एक्सप्रेस ट्रेनें बड़हिया में रुक नहीं रही है. इस कारण लोगों का आवागमन बाधित है. चरणबद्ध आंदोलन के बाद विक्रमशिला का ठहराव दिया गया लेकिन अन्य कई महत्वपूर्ण ट्रेनें अब भी नहीं रुक रही है.
(इनपुट- राजकिशोर मधुकर)
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