Bihar News: बिहार पुलिस ने 3 बेगुनाहों को बताया कातिल, जुटा लिए थे सबूत, 14 साल पहले भागी महिला जिंदा लौटी
Motihari News: बिहार के मोतिहारी जिले में 14 साल पहले घर से भागी महिला वापस लौट आई है. जिसके बाद पुलिस की परेशानियों में इजाफा हो गया है. पुलिस ने महिला के हत्या के मामले में तीन लोगों के खिलाफ के खिलाफ सबूत जुटा लिए थे.
मोतिहारी: बिहार में पुलिस की लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर हर कोई हैरान है. दरअसल पुलिस ने जिस महिला के हत्या के आरोप में जिन तीन निर्दोष लोगों दोषी ठहराया था 14 साल बाद वो महिला जिंदा लौट आई. इन्वेस्टीगेशन में पुलिस ने तीनों के खिलाफ मर्डर के सबूत भी इकट्ठे कर लिए. यहां तक की चार्जशीट में तीनों को हत्यारा साबित करते हुए पुलिस ने कोर्ट में सजा की भी अपील कर दी. ऐसे में महिला के जिंदा वापस लौटने के बाद अब पुलिस की इन्वेस्टीगेशन पर ही सवाल उठने लगा है कि मर्डर की इस झूठी कहानी में इंस्पेक्टर से लेकर डीएसपी तक ने निर्दोषों को सजा की फर्जी चार्जशीट कैसे तैयार कर दी.
दरअसल शिवहर जिले के पुरनहिया थाना क्षेत्र के अदौड़ी गांव निवासी शिवचंद्र राम की पुत्री बबिता की शादी मार्च 2001 में मोतिहारी जिले के पताही थाना क्षेत्र के सरैया गोपाल गांव निवासी राम प्रसाद राम के बेटे विजय राम से हुई थी. शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था. साल 2004 में बबिता को एक बेटा भी हुआ, लेकिन एक महीने बाद उसकी मौत हो गई. कुछ दिनों तक बबिता ने बेटे की मौत का सदमा झेला, लेकिन बाद में सब कुछ नॉर्मल हो गया. तभी अचानक 18 मई 2010 को बबिता ससुराल से गायब हो गई. ससुराल वालों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा. बबिता का कहीं कोई पता नहीं लगने के बाद ससुराल वालों ने बबिता के गायब होने की सूचना पुलिस को दी. पुलिस ने भी मामला दर्ज कर बबिता की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली.
वहीं इस बारे में बबिता के पिता को जब खबर हुई तो वह भी हैरान हो गए और उन लोगों ने भी काफी तलाश की, लेकिन बबिता का कोई पता नहीं चल सका. इसके बाद गांव में भी चर्चा शुरू हो गई कि ससुराल वालों ने बबिता का मर्डर कर शव को बोरे में बांधकर नदी में फेंक दिया होगा. बबिता के मर्डर की यह कहानी ससुराल से लेकर मायके तक फैल गई. हर तरफ बस यही चर्चा हो रही थी कि बबिता का मर्डर कर उसकी लाश को ससुराल वालो ने गायब कर दिया है. बेटी का जब कोई सुराग नहीं मिला तो बबिता के पिता शिवचंद्र राम ने पति, सास और ससुर के साथ कुल 7 लोगों पर बेटी की हत्या कर शव को गायब करने का आरोप लगाया.
पुलिस ने 10 जून 2010 को बबिता के पति विजय राम, ससुर राम प्रसाद राम व सास सहित सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. वहीं पुलिस के केस दर्ज करते ही ससुराल वालों की हालत खराब हो गई. गांव में हर दिन पुलिस आती और बबिता की लाश का पता लगाने के लिए ससुराल वालों पर दबाव बनाती. पुलिस के काफी दबाव के बाद भी ससुराल वालों से बबिता का कोई क्लू नहीं मिल पाया. अचानक 29 अप्रैल 2024 को गांव में हल्ला मच गया कि बबिता जिंदा लौट आई है. गांव में हल्ला सुनने के बाद बबिता के ससुर राम प्रसाद राम भी भागकर वहां पहुंचे.
राम प्रसाद राम ने बताया कि जब मैं गांव के सरकारी स्कूल पर पहुंचा तो वह बैठी थी. मुझे देखते ही वह पैर पकड़कर रोने लगी. वहीं जब मैंने बबीता को काफी दिनों बाद देखा तो विश्वास नहीं हुआ कि वह बबिता है या कोई और. मैंने उससे कहा अपना दाहिना हाथ दिखाओ. जब दाहिना हाथ देखा तो उस पर बबिता और विजय लिखा था. यह देखने के बाद मैं भी आश्वस्त हो गया कि वह बबिता ही है. मेरे लिए तो वह भगवान बनकर आ गई थी क्योंकि जिस महिला के मर्डर के आरोप में मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई भी मेरे सामने थी. बबिता ने इस दौरान बताया कि घर से निकलकर वो एक बाबा के पास नेपाल चली गई थी.
वहीं अब महिला जिंदा वापस लौटने के बाद पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगा है कि एक महिला की झूठी मर्डर की कहानी को पुलिस ने अपनी केस डायरी में किस तरह सही बना दिया और चार्जशीट लगाकर पति, सास और ससुर को अभियुक्त बना दिया. वहीं बबिता के पति ने लंबे इंतजार के बाद अब दूसरी शादी कर ली है.
इनपुट- पंकज कुमार