Shravani Mela: श्रावण माह में बड़ी संख्या में कांवड़िये भागलपुर के सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर झारखंड के देवघर बाबा बैद्यनाथ के जलाभिषेक करने जाते हैं. इन श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए प्रदेश पर्यटन विभाग हर संभव तैयारी में जुटा है. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले के शुरू होने में अब लगभग एक सप्ताह बाकी है. पर्यटन विभाग श्रावणी मेला के बेहतर आयोजन के लिए जरूरी तैयारियां पूरी कर चुका है. 


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पर्यटन विभाग के मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा कि पदाधिकारियों की टीम ने श्रावणी मेला स्थान सुल्तानगंज से मेला पथ में झारखंड बॉर्डर तक निरीक्षण किये हैं, जो भी कमी दिखाई दी उसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. कांवड़ियों के ठहरने के लिए बांका, मुंगेर और सुल्तानगंज में टेंट सिटी बनाई जा रही है. वहां श्रद्धालुओं को हर सुविधा मिलेगी. मुंगेर के धोबई में 200, खैरा 200 और बांका के अबरखा में 600 बेड की टेंट सिटी बन रही है.


सुल्तानगंज में भी टेंट सिटी में 200 कांवड़ियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है. हर टेंट सिटी में 500 से 1000 की संख्या में कांवड़ स्टैंड बनाए जा रहे हैं. श्रावणी मेला के दौरान सुल्तानगंज में गंगा तट पर प्रशासनिक पदाधिकारियों की तैनाती रहेगी. साथ ही गंगा आरती की व्यवस्था भी रहेगी.



कांवड़ियों के लिए बैठने के लिए जगह-जगह पर बेंच और कांवड़ रखने के लिए सौंदर्यीकृत स्टैंड बनाए जा रहे हैं. कचरा प्रबंधन की उचित व्यवस्था की गई है. कचरा का संग्रहण और उनका निस्तारण लगातार किया जाता रहेगा. पूरे मेला क्षेत्र में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है. शौचालयों में लगातार साफ-सफाई का कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही यदि किसी श्रद्धालु को कोई भी समस्या हो तो उसके समाधान के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन का संचालन किया जाएगा, जहां से उन्हें तत्काल समाधान मिलेगा.


उन्होंने बताया कि इस मेले में प्रदेश के बाहर के भी बड़ी संख्या में कांवड़िए पहुंचते हैं. विभाग इस बार इस सोच के साथ काम कर रहा है कि जब कांवड़िए यहां से वापस अपने राज्य लौटें तो बिहार की एक बेहतर छवि लेकर लौटें. बताया गया है कि टेंट सिटी में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिससे कांवड़ियों का मनोरंजन भी हो सकेगा. देवघर बाबा भोलेनाथ के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक महत्वपूर्ण स्थल है. शिव भारतीय सनातन संस्कृति के अराध्य देव हैं.


इनपुट: आईएएनएस