पूर्वांचल के धान का कटोरा ‘भागलपुर’ में धान की बुआई शुरू, हजारों हेक्टेयर में लगी कतरनी
Bihar News: भागलपुर जिले में हुई बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों ने धान रोपना शुरू कर दिया है. खेतों में काफी संख्या में महिलाएं धान की बुआई कर रही है लेकिन किसानों की माने तो आद्रा नक्षत्र में ही धान की बुआई हो जाती है लेकिन बारिश कम होने से धान की रोपाई नहीं हो सकी.
भागलपुर:Bihar News: भागलपुर जिले में हुई बारिश के बाद किसानों के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों ने धान रोपना शुरू कर दिया है. खेतों में काफी संख्या में महिलाएं धान की बुआई कर रही है लेकिन किसानों की माने तो आद्रा नक्षत्र में ही धान की बुआई हो जाती है लेकिन बारिश कम होने से धान की रोपाई नहीं हो सकी. भागलपुर के कुछ इलाकों में किसानों ने बारिश के पानी में धान रोपा तो कहीं बारिश कम होने के बाद बोरिंग के सहारे खेतों में पानी डाल धान रोप रहे हैं. जिले में अच्छी बारिश हुई तो इस वर्ष भी धान की अच्छी पैदावार होगी.
किसानों की माने तो जिस तरह की बारिश होनी चाहिए वैसी बारिश अभी तक नहीं हुई है. इसलिये धान की फसल लगाने में देरी हुई है. इस धान का उत्पादन नवम्बर से दिसम्बर महीने में होता है. बता दें कि भागलपुर जिले व आसपास के जिलों में 50 हजार हेक्टेयर से अधिक में धान का उत्पादन होता है. यही वजह है कि अंग प्रदेश को पूर्वांचल के धान का कटोरा माना जाता है. जिले में ज्यादातर कतरनी धान, सोनम बासमती व बौना धान का उत्पादन होता है. जिले के सुलतानगंज, जगदीशपुर , कहलगांव व पड़ोसी जिला बांका के कई हिस्सों में कतरनी धान का काफी मात्रा में धान का उत्पादन होता है.
बता दें कि भागलपुर का कतरनी धान विश्व प्रसिद्ध है. कतरनी चूड़ा को जीआई टैग प्राप्त है जिसे भारत के साथ साथ विदेशों के लोग भी पसंद करते हैं. इस साल भी भारी पैमाने पर कतरनी चावल व चूड़ा का विदेशों में निर्यात होने की संभावना है. इसकी तैयारी किसानों ने अभी से ही शुरू कर दी गई है. इस साल जिले में लक्ष्य के अनुरूप कतरनी धान लगी है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो कतरनी धान की अच्छी पैदावार होगी.
इनपुट- अश्वनी
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