मां के मुखिया बनते हो गई हत्या, फिर 21 साल की बेटी ने जीता चुनाव, बनाया ये रिकॉर्ड
बिहार में मुखिया के लिए हो रहे उपचुनाव में एक 21 साल की लड़की ने वह कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. वह भी तब जब उसकी मां इसी सीट से मुखिया बनी थीं और उनके अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद ही इस सीट पर उपचुनाव हो रहा था.
Mukhiya upchunav result: बिहार में मुखिया के लिए हो रहे उपचुनाव में एक 21 साल की लड़की ने वह कर दिखाया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. वह भी तब जब उसकी मां इसी सीट से मुखिया बनी थीं और उनके अंगरक्षकों ने ही उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद ही इस सीट पर उपचुनाव हो रहा था. कहानी भागलपुर जिले की है जहां महज 21 साल की पायल शर्मा ने वह कर दिखाया जो एक कीर्तिमान बन गया. दरअसल वह सबसे कम उम्र में चुनाव जीतने वाली मुखिया बन गई हैं.
पायल शर्मा ने यह जीत जदयू के सरोज चौधरी को पटखनी देकर हासिल की है. सरोज चौधरी पायल शर्मा से 193 मतों से मात खा गए हैं. अब पायल अपनी मां के देखे गए सपनों को पूरा करने के लिए काम करेगी ऐसा वह कह रही हैं. बता दें कि भागलपुर जिले के अंतर्गत पड़नेवाले प्रसिद्ध सुल्तानगंज के कुमैठा पंचायत से पायल की मां अनिता देवी मुखिया थीं और उनके बॉडीगार्ड ने ही उनकी हत्या कर दी थी. इसके बाद ही इस सीट पर उपचुनाव हुआ जिसमें पायल ने जीत का परचम लहराया.
सुल्तानगंज प्रखंड के कुमैठा पंचायत में हुए मुखिया उपचुनाव में एक तरफ पायल शर्मा को 2033 मत मिले तो वहीं जदयू के सरोज चौधरी को 1840 वोट मिले. वह अब अपना नाम बिहार के सबसे कम उम्र के मुखिया बनने वाली सूची में दर्ज करा चुकी हैं. यह एक रिकॉर्ड बन गया है कि उसने महल 21 साल की उम्र में पंचायत के लोगों का विश्वास हासिल किया है. पायल शर्मा पंचायत के लोगों को भरोसा दिला रही हैं कि उनकी मां ने जिस विकास का सपना पंचायत के लिए देखा था उसे वह पूरा करेंगी.
बता दें कि पायल शर्मा की मां अनिता देवी की हत्या का लगातार प्रयास किया जाता रहा था. विरोधी इसकी कोशिश में लगे थे और 31 मार्च 2022 को अनिता देवी के अंगरक्षक महत मिश्र ने उनका हत्या भी कर दी और उनका शव पंखे से टांग दिया. हालांकि इस हत्याकांड में दो आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है.