Bhojpuri Cinema: भोजपुरी सिनेमा, जो एक समय फलती-फूलती इंडस्ट्री थी. मगर, आज यह अश्लीलता से ग्रस्त हो गई है, जिससे इसकी प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है और दर्शक दूर हो रहे हैं. इस इंडस्ट्री में बड़े-बड़े कलाकारों ने काम किया. एक दौरा था जब अमिताभ बच्चन से लेकर अजय देवगन, जैकी श्रॉफ तक सुपरस्टार्स ने भोजपुरी फिल्मों में काम किया, लेकिन आज हालात ये है कि बॉलीवुड का कोई भी बड़ा सुपरस्टार भोजपुरी सिनेमा में काम नहीं करना चाहता है. इस ऑर्टिकल में हम आज यह एनालिसिस करेंगे कि भोजपुरी सिनेमा किन वजहों से अश्लीलता की तरफ बढ़ती गई. अब इसे कैसे बचाया जा सकता है.


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अश्लीलता होने की प्रमुख वजह


1. बिजनेस का दबाव: भोजपुरी फिल्म बन तो जाती है, लेकिन सिनेमाघरों का आभाव है. वह भी जितने हैं, उसमें दर्शकों को खींचने के लिए अश्लीलता का सहारा लिया जाता है. निर्माता बॉक्स ऑफिस की सफलता को पहली प्राथमिकता देते हैं, जिससे इसे कंटेंट को शामिल किया जाता है.
2. कार्रवाई या प्रक्रिया का अभाव: भोजपुरी सिनेमा में सेंसरशिप और निगरानी ने अश्लीलता को आउट ऑफ कंट्रोल होने दिया है. इस पर कार्रवाई या प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाला नियम कभी नहीं बनाया गया है.
3. दर्शकों की पसंद बदलना: डिजिटल प्लेटफॉर्म के उदय ने सनसनीखेज कंटेंट की मांग बढ़ा दी है. इस वजह से भोजपुरी सिनेमा में जल्दी हिट होने के लिए अश्लील कंटेंट को तैयार किया जाता है. जिसे दर्शकों को परोसा जाता है.


नतीजा
1. दर्शकों की संख्या में गिरावट: परिवार और महिलाएं, दर्शकों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अश्लीलता की वजह से भोजपुरी सिनेमा से दूर हो गया.
2. विश्वसनीयता की घटी: भोजपुरी इंडस्ट्री की प्रतिष्ठा घटी और अपनी विश्वसनीयता खो दिया, जिससे इन्वेस्टर्स और प्रतिभाशाली कलाकारों को आकर्षित करना चुनौतीपूर्ण हो गया है.
3. समाज पर प्रभाव: अश्लील कंटेंट समाज पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. एक बड़ा भोजपुरी समाज इस फिल्मों-गानों से दूर होता गया, क्योंकि आप कई ऐसे भोजपुरी गाने हैं, जिन्हें घर पर नहीं सुन सकते हैं.


इंडस्ट्री को कैसे बचाया जाए
1. सेंसरशिप सुधार: अश्लील कंटेंट पर रोक लगाने के लिए सेंसरशिप दिशानिर्देशों को मजबूत करना होगा.
2. क्वालिटी कंटेंट की पहल: निर्माताओं को कहानी कहने, स्टोरी राइटिंग और टैलेंट पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित करना होगा.
3. नई प्रतिभा को बढ़ावा देना: नई प्रतिभाओं को इंडस्ट्री में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करना होगा. साथ ही नए आइडिया को लाना होगा.
4. इंडस्ट्री संघों की पहल: भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री संघ जैसे संगठन स्वच्छ कंटेंट को बढ़ावा देने का काम करे. साथ ही इसकी छवि को बेहतर बनाने के लिए काम कर करे.


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निष्कर्ष
अश्लीलता के खिलाफ भोजपुरी सिनेमा का संघर्ष लगातार जारी रहने वाली लड़ाई है. यह इंडस्ट्री क्वालिटी वाला कंटेंट को बढ़ावा देकर अपनी खोई हुई साख को फिर से हासिल कर सकती है और अपने दर्शकों का विश्वास फिर से जीत सकती है.