Singer Sharda Sinha: बिहार की लोकगायिका शारदा सिन्हा को भोजपुरी की लता मंगेशकर के नाम से भी जाना जाता है. बिहार की इस लोकगायिका के गाने हर बिहारवासी के दिल में बसे हुए हैं. चाहे शादी हो या छठ महापर्व उनके बिना कोई भी उत्सव अधूरा लगता है. शारदा सिन्हा की सुरीली आवाज हर मौके पर खास माहौल बना देती है. उन्होंने हिंदी, भोजपुरी, मैथिली और बज्जिका में कई लोकप्रिय गीत गाए हैं और उनके योगदान के लिए उन्हें पद्मश्री और पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया है.


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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्तूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था. उनके पिता सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे. बचपन से ही शारदा को संगीत में गहरी रुचि थी. उनके पिता ने उनकी यह रुचि देखते हुए उन्हें भारतीय नृत्य कला केंद्र में संगीत की शिक्षा दिलवाई. संगीत के साथ-साथ उन्होंने अपनी पढ़ाई भी पूरी की और स्नातक करने के बाद राजनीतिशास्त्र के प्राध्यापक डॉ. बृजकिशोर सिन्हा से उनकी शादी हो गई.


बात दें कि शारदा सिन्हा के जीवन में चुनौतियां भी रहीं. उनकी सासू मां नहीं चाहती थीं कि वह गाएं, यहां तक कि ठाकुरबाड़ी में भी उन्हें गाने से रोक दिया जाता था. लेकिन समय के साथ चीजें बदलीं और 1971 में उनके संगीत जीवन में बड़ा मोड़ आया. शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड में कम गाने गाए, लेकिन जो भी गाए, वो सुपरहिट साबित हुए. साथ ही सलमान खान और भाग्यश्री की फिल्म 'मैंने प्यार किया' का गाना 'कहे तोसे सजना तोहरी सजनिया' आज भी लोगों का पसंदीदा गाना है. इस गाने के लिए शारदा सिन्हा को केवल 76 रुपये मिले थे. इसके अलावा सलमान खान की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' का 'बाबुल जो तूने सिखाया' गाना भी उनकी आवाज में बहुत मशहूर हुआ.


इसके अलावा 2012 में आई फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' में उनका गाया गाना 'तार बिजली से पतले हमारे पिया' भी काफी पसंद किया गया. वेबसीरीज 'महारानी' में उनका गाया गाना 'निरमोहिया' भी लोगों के दिलों में छा गया. शारदा सिन्हा की आवाज और उनकी गायकी ने बिहार के लोक संगीत को एक नई पहचान दी है और आज भी उनके गीत हर पीढ़ी के लोगों द्वारा पसंद किए जाते हैं.


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