पटना: बिहार में बारिश के पानी को बचाने तथा जल संरक्षण के लिए सरकार ने कवायद तेज कर दी है. इसके तहत सरकार ने अब छोटी नदियों, झरनों, नालों तथा ढालू जमीनों पर चेकडैम जैसी संरचना बनाने की योजना बनाई है, जिससे बारिश के पानी को संरक्षित किया जा सके और भूजल स्तर को ऊपर उठाने में मदद मिल सके. 


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ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पहाड़ी और पठारी इलाकों में ऐसी संरचनाओं को बनाने पर जोर दिया जाएगा. उनका कहना है कि जल संरक्षण के लिए सबसे पहले ऐसी संरचनाएं बनाए जाने वाले स्थलों की पहचान की जाएगी.


 



सरकार का मानना है कि ऐसी संरचनाओं से खेतों में सिंचाई के भी साधन उपलब्ध हो सकते हैं.ऐसी संरचनाओं के बनने के पूर्व सारी संभावनाओं व पहलुओं को जांचने के बाद निर्माण की कार्ययोजना बनाई जाएगी.


उल्लेखनीय है कि बिहार के पड़ोसी राज्य झारखंड में सरकार द्वारा चेकडैम का निर्माण बड़ी संख्या में करवाया गया है.चेकडैम किसी भी झरने या नाले या छोटी नदी के जल प्रवाह को कम कर उस पानी को अन्य जगहों पर ले जाया जाता है. इसका प्रमुख उद्देश्य बारिश के अतिरिक्त जल को बांधना होता है, जिससे बाद में वह काम आ सके.


ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने सभी जिलाधिकारियों से जल संरचना निर्माण संबंधी कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है. उन्होंने बताया कि ग्रामसभा कर ऐसी योजनाओं को शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं.


सूत्रों का कहना है कि इस योजना में वन विभाग के अधिकारी कार्ययोजना बनाएंगे और कार्यान्यवन वन पर्यावण व जलवायु परिवर्तन विभाग करेगा.समतल क्षेत्रों में यह काम लघु जल संसाधन, कृषि और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किया जाएगा. नोडल विभाग होने के कारण सारा काम ग्रामीण विकास विभाग की देखरेख में चलेगा.


इस योजना के लिए एक समिति का गठन किया गया है, जो इस संबंध में डिजाइन और प्राक्कलन पर अध्ययन कर पूरी रिपोर्ट 31 अक्टूबर तक विभाग को सौंपेगी.इसके बाद इस पर काम प्रारंभ किया जाएगा. इस योजना को अगले वर्ष गरमी के मौसम के पूर्व सरजमी पर उतारने की तैयारी है. (इनपुट IANS से भी)