पटना: बिहार की राजधानी पटना में अपराध चरम सीमा पर है. यहां अपराधिक घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं, आए दिन लूट, चोरी, हत्या की घटना हो रही है, जिसे लेकर पटना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो गया है.


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बता दें कि बीते 15 फरवरी को गौरव इंटरनेशनल कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुख्य प्रबंध निदेशक संजय कुमार का अज्ञात अपराधियों ने अपहरण कर लिया था. इसके बाद तीन दिन तक कमरे में कैद करके उनकी जमकर पिटाई की गई और फिर उन्हें अधमरा करके छोड़ दिया.
   
जानकारी के मुताबिक, संजय कुमार रेलवे के कोट्रेक्टर हैं. उनका पटना एम्स (AIIMS) के नजदीक से अपहरण किया गया था. वहीं, पीड़ित संजय कुमार सिंह की मानें तो, अपहरण की घटना के बाद अपराधियों ने एटीएम का पासवर्ड नहीं बताने पर उनकी जमकर पिटाई की.


इतना ही नहीं, जब अपराधियो के द्वारा एटीएम पिन को तीन बार गलत दबाया गया तो कार्ड लॉक हो गया, जिसके कारण फिर पिटाई कर उन्हें अधमरा कर दिया गया. इसके बाद अपराधियों ने उन्हें धमकी देते हुए कहा कि पटना छोड़ दो नहीं तो जान से हाथ धोना पड़ेगा.


वहीं, पीड़ित किसी तरह रूपसपुर थाना पहुंचा लेकिन उसे पुलिसकर्मियों ने उसकी एफआईआर (FIR) लिखने से मना कर दिया. पुलिस कर्मियों ने कहा कि जहां अपरहण हुआ था, उसी थाने में एफआईआर दर्ज होगी.


इसके बाद पीड़ित जब फुलवारी थाना पहुंचा तो वहां भी एफआईआर लिखने से मना कर दिया गया और उसका इलाज कराने से इनकार कर दिया गया. फिर पीड़ित ने स्वयं जाकर एम्स में इलाज कराया, जहां उसके पूरे शरीर में जख्म के निशान देखे गए.


हालांकि, बाद में पुलिस ने घटनास्थल से एक युवक को उठाया और पूछताछ के बाद उसे फुलवारी थाना की पुलिस ने छोड़ दिया, जबकि छीना गया मोबाइल भी युवक के पास से बरामद किया गया. इसके बावजूद न तो एफआईआर दर्ज किया गया और न ही कोई कार्रवाई की गई.


वहीं, पीड़ित ने जब एसएसपी को घटना की जानकारी दिया तो पुलिस अधिकारी ने थानाध्यक्ष को करवाई करने की बात कही.इसके बावजूद न तो एफआईआर दर्ज किया गया और ना ही अंगरक्षक मिला.