RLSP के JDU में विलय पर विपक्ष ने साधा निशाना, कहा- उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश के सामने टेक दिए घुटने
RLSP-JDU Merger: इस विलय पर सवाल उठ रहा है कि दो पार्टी का विलय था और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही मौजूद नहीं थे. जबकि JDU में मौजूद दूसरे कुशवाहा पूर्व केंद्रीय मंत्री की वापसी से कितने खुश हैं.
Patna: आज राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (RLSP) का आधिकारिक रूप से जनता दल यूनाइटेड (JDU) में विलय हो गया. इसके साथ ही 'बड़े भाई' नीतीश कुमार ने 'छोटे भाई' उपेंद्र कुशवाहा को नई जिम्मेदारी दी है. सीएम नीतीश कुमार ने उपेंद्र कुशवाहा का जेडीयू में स्वागत करते हुए उन्हें पार्टी के संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया है. वहीं, सूत्रों की मानें तो उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता को विधान परिषद का सदस्य भी बनाया जाएगा. JDU उन्हें राज्यपाल कोटे से MLC बनाएगी. माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की वापसी से जेडीयू कि निगाह 9 फीसदी वोट बैंक पर है, जिसपर JDU की नजर है.
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सूत्रों के अनुसार, इस विलय को लेकर कई समझौते भी हुए हैं. उधर इस विलय से लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. NDA के नेताओं ने इसका स्वागत किया है. तो महागठबंधन को लगता है कि कुशवाहा ने नीतीश कुमार ( Nitish kumar) के सामने घुटने टेक दिए हैं. हालांकि, इस विलय पर सवाल उठ रहा है कि दो पार्टी का विलय था और JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ही मौजूद नहीं थे. जबकि JDU में मौजूद दूसरे कुशवाहा पूर्व केंद्रीय मंत्री की वापसी से कितने खुश हैं. लेकिन आज बरसों पुरानी यादें दोबारा ताजा हो गईं और लव कुश अधूरी जोड़ी पूरी हो गई है. JDU को भी उम्मीद है कि उपेंद्र कुशवाहा के आने से पार्टी और मजबूत होगी. जबकि बीजेपी इसे दूसरे नजरिए से देख रही है.
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वहीं, विपक्ष को लगता है कि चुनाव परिणाम के बाद JDU की स्थिति खराब हो गई है. लिहाजा मजबूरी में उपेंद्र कुशवाहा को नीतीश साथ ला रहे हैं. इधर, सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या उपेंद्र कुशवाहा के आने से JDU के दूसरे कुशवाहा नेता खुद को कितने सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
(इनपुट-रूपेंद्र श्रीवास्तव/आशुतोष चंद्रा)